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भारत के महाराष्ट्र में रुपये से जुड़े बैंक धोखाधड़ी के 1.59 लाख मामले किये गये दर्ज

मुंबई: महाराष्ट्र में पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक बैंक फर्जीवाड़ा के मुद्दे दर्ज किए गए हैं हिंदुस्तान के सबसे अमीर राज्य महाराष्ट्र में रुपये से जुड़े बैंक फर्जीवाड़ा के 1.59 लाख मुद्दे दर्ज किए गए हैं. 2.24 लाख करोड़ रुपये फंसे हैं राष्ट्र भर में 4,62,733 मुद्दे दर्ज किए गए, जिससे रुपये का हानि हुआ. 5.3 लाख करोड़ का हानि हुआ

यह बात एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के अनुसार पूछे गए प्रश्न के उत्तर में सामने आई है हिंदुस्तान में बैंक फर्जीवाड़ा के सबसे अधिक मुद्दे महाराष्ट्र में हैं, इसके बाद दिल्ली और हरियाणा का नंबर आता है.

महाराष्ट्र का जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद, राज्य की अर्थव्यवस्था का एक आर्थिक माप) $417.2 बिलियन है, जो राष्ट्र के सभी राज्यों में सबसे अधिक है. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मौजूद कराई गई जानकारी से पता चला है कि अधिकतर फर्जीवाड़ा के मुद्दे अग्रिम (बैंक मानक) और कार्ड और डिजिटल भुगतान देने के लिए इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं के माध्यम से किए गए लेनदेन में हुए.

जालसाज केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) जरूरत के नाम पर टेलीफोन उपयोगकर्ताओं से संपर्क करते हैं और फर्जीवाड़ा करने के लिए उनसे प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करते हैं. ऐसे साइबर क्रिमिनल बैंक ग्राहकों को विश्वासघात देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. साल 2013-14 और 2022-23 के बीच, प्राइवेट सेक्टर और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा राष्ट्र भर में कुल 4,62,733 फर्जीवाड़ा की घटनाएं हुईं. जिसमें कुल रु इसमें 5.3 लाख करोड़ की धनराशि शामिल थी

वित्तीय साल 2022-23 में राष्ट्र में फर्जीवाड़ा के कुल 13530 मुद्दे सामने आए, जिनमें से 6659 मुद्दे (क्रेडिट और डेबिट) कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए सामने आए. इस साल अग्रिम (धीरन) के माध्यम से 4109 मुद्दे दर्ज किये गये. एक वर्ष पहले, 2021-22 में फर्जीवाड़ा के कुल 9097 मुद्दे सामने आए थे, जिनमें से 3833 मुद्दे एडवांस के जरिए और 3596 मुद्दे कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए सामने आए थे.

आरबीआई के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने बोला कि डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ा है. ग्राहक कई बैंकिंग सेवाओं के लिए बैंक ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं और फर्जीवाड़ा के मुद्दे बढ़ गए हैं. एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बोला कि आरबीआई ने ग्राहकों को औनलाइन फर्जीवाड़ा के प्रति सचेत करने के लिए कई कदम उठाए हैं.

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