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ISRO 1 जनवरी को ISRO PSLV-C58-XPoSat मिशन लॉन्च करने की तैयारी में…

नई दिल्ली: कल यानी 1 जनवरी को वर्ष 2024 का पहला दिन होगा, इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) वर्ष के पहले दिन ही कमाल करने वाला है चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने से लेकर सूर्य मिशन लॉन्च करने तक सभी सफल मिशनों के बाद 1 जनवरी को ISRO PSLV-C58-XPoSat मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है

बता दें कि XPoSat का पूरा नाम एक्स-रे पोलरिमेट्री सैटेलाइट है यह हिंदुस्तान का पहला मर्पित पोलारिमेट्री मिशन है ISRO ने घोषणा की है कि XPoSat मिशन पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) का इस्तेमाल करके सुबह 9:10 बजे लॉन्च होगा इस मिशन के जरिए इसरो ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों पर स्टडी करेगा यह हिंदुस्तान की अंतरिक्ष की यात्रा में एक जरूरी मील का पत्थर साबित होने वाला है

सबसे खास बात यह है कि यह मिशन न सिर्फ़ हिंदुस्तान का पहला समर्पित पोलारिमेट्री मिशन है, बल्कि 2021 में लॉन्च किए गए नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) के बाद दुनिया का दूसरा मिशन भी है सैटेलाइट में दो मुख्य पेलोड होंगे जो बेंगलुरु स्थित रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) द्वारा विकसित किए गए हैं और दूसरा इसरो के यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC), इसरो द्वारा विकसित किया गया है

अंतरिक्ष में XPoSat सबसे चमकीले तारों को टारगेट करके उनकी स्टडी करेगा इसके अतिरिक्त यह न्यूट्रॉन स्टार्स, पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बायनरिज, सक्रिय गैलेक्टिक न्यूक्लि और नॉन-थर्मल सुपरनोवा के बारे में भी जानकारी इकट्ठा करेगा इस मिशन के जरिए इसरो 5 वर्षों तक डेटा एकत्र करता रहेगा प्राप्त जानकारी के मुताबिक अंतरिक्ष में एक्स-रे पोलारिमेट्री कैसे काम करता है इसका शोध करके, खगोलविद नए रहस्य को सुलझा सकते हैं कि प्रकाश कहां से आ रहा है और वह ऊर्जा साधन क्या है

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