ये टेंशन कभी नहीं घटने देगी मोटापा, यहाँ जानिए सिंपल फॉर्मूला

मोटापा आज पूरी दुनिया के लिए कठिनाई का सबब है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार करीब 2 अरब लोग अधिक वजन के शिकार हैं। मोटापा को कम करने का सबसे आसान उपाय एक्सरसाइज को माना जाता है। लेकिन जानकारों का बोलना है कि वजन को कम करने के लिए जिम जाने से कोई खास लाभ नहीं मिलता। सर गंगाराम हॉस्पिटल में इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पेनक्रिएटिक बिलीएरी साइंसेज के कंसल्टेंट डाक्टर श्री हरि अनिखिंडी कहते हैं कि वजन कम करने के लिए जिम में जाकर एक्सरसाइज करने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि जिम में मसल्स के ग्रोथ को बढाने में सहायता मिलती है। यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो आपके लिए फिजिकल एक्टिविटी महत्वपूर्ण है लेकिन इसके साथ ही 3 अन्य फेक्टर पर एकसाथ ध्यान देने की आवश्यकता है।
डॉ। श्रीहरि अनिखिंडी ने बताया कि वजन कम करने के लिए 4 चीजों की आवश्यकता होती है-फिजिकल एक्टिविटी, डाइट, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस फ्री लाइफ। उन्होंने बोला कि यदि आप बहुत अधिक एक्सरसाइज करते हैं और खाना भी बहुत कम खा रहे हैं लेकिन आपके जीवन में बहुत अधिक तनाव है तो डाइट और एक्सरसाइज भी कोई काम का नहीं होने वाला है। इसलिए यदि आपके जीवन बहुत अधिक तनाव, एग्जाइटी है तो पहले इसका निदान करना होगा, तभी जाकर वजन कम करने की योजना सफल हो पाएगी।
क्यों कम नहीं होता वजन
डॉ। श्रीहरि अनिखिंडी कहते हैं कि शरीर में दो तरह का फैट जमा होता है। सबक्यूटिनस फैट (subcutaneous fat) और विसरल फैट (visceral fat)। सबक्यूटिनस फैट स्किन के नीचे रहता है जो शरीर के अंदरुनी अंगों को पुशनिंग देने का काम करता है। इसलिए इससे कोई खास हानि नहीं होता लेकिन विसरल फैट पेट के नीचे की चर्बी होती है जो बहुत डेंजरस है। हिंदुस्तान में जो मोटापा होता है उसके लिए अधिकतर मामलों में विसरल फैट ही उत्तरदायी होता है। विसरल फैट के कारण डायबिटीज, बीपी, थायरॉइड, पीसीओडी जैसी मेटाबोलिक बीमारियां होती है। विसरल फैट को बढ़ाने के लिए कई कारक उत्तरदायी होते हैं लेकिन मुख्य रूप से प्रोटीन की स्थान फैट और कार्बोहाइड्रेट का अधिक सेवन, फिजिकल एक्टिविटी न करना, पर्याप्त नींद नहीं लेना और बहुत अधिक तनाव लेना मोटापे के लिए उत्तरदायी है।
स्ट्रेस हार्मोन कितना जिम्मेदार
डॉ। श्रीहरि अनिखिंडी ने बताया कि मोटापे को बढ़ाने में स्ट्रेस हार्मोन की बहुत बड़ी किरदार होती है। जब आप तनाव लेंगे तो कॉर्टिसोल, केटाकोलामाइन जैसे स्ट्रेस हार्मोन अधिक रिलीज होने लगेंगे। जब स्ट्रेस का बेहद दिनों तक उपचार न किया जाए तो यह क्रोनिक स्ट्रेस में बदल जाता है। कोर्टिसोल एंटी डाययूरेटिक हार्मोन को बढ़ाता है, जिसके कारण शरीर में फ्लूड रिटेंशन और पफीनेस का जोखिम बढ़ जाता है। जब शरीर में कॉर्टिसोल की मात्रा बढ़ जाए तो थायरॉइड और इंसुलिन का फंक्शन गड़बड़ा जाता है। इससे मेटाबोलिज्म और डाइजेशन धीमा हो जाता है और अंततः मोटापा बढ़ने लगता है। हाई कॉर्टिसोल मिनिरल्स के एब्जॉर्बशन को कम कर देता है। इससे इंसुलिन रेजिस्टेंस होने लगता है और शरीर में इंसुलिन रहते हुए भी काम का नहीं रहता। यही इंसुलिन फिर फैट में बदलने लगता है। दूसरी ओर एक अन्य स्ट्रेस हार्मोन केटाकोलामाइन एडिपोज टिशू में फैट को स्टोरेज को बढ़ा देता है। इन सबका अर्थ यही हुआ कि चाहे आप कितना भी एक्सरसाइज करें या कितना भी कम खाएं यदि स्ट्रेस रहेगा तो मोटापा कम नहीं होगा।
फिर कैसे कम करें वजन
डॉ। श्रीहरि अनिखिंडी ने बताया कि मोटापा कम करना बहुत आसान है। उन्होंने बोला जिन चीजों से मोटापा बढ़ता है पहले उन चीजों को कंट्रोल करें। डाक्टर श्रीहरि ने बताया कि चार चीजों को मैनेज करने से मोटापा कम हो जाएगा। इसके लिए पहला है –शारीरिक गतिविधियां। सप्ताह में कम से कम 5 दिन 45 मिनट से एक घंटे तक ब्रिस्क एक्सरसाइज करें। जिसमें 6 घंटे प्रति किलोमीटर की रफ्तार से वॉकिंग शामिल हो। इसके अतिरिक्त साइक्लिंग, स्विमिंग, जॉगिंग करें। दूसरा है-सही डाइट। इसके लिए फैट और कार्बोहाइड्रेट में कटौती करें। इसकी स्थान प्रोटीन और मिनिरल्स को शामिल करें। आलू, चावल, मिठाई, तेल, घी, मख्खन का कम सेवन और फल और हरी सब्जियों का अधिक सेवन करें। तीसरा है- पर्याप्त नींद-रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद लें। नींद शाँति भरी होनी चाहिए। और चौथा तथा सबसे जरूरी है तनाव से दूर रहे-इसके लिए योगा और मेडिटेशन की सहायता लें।