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होलिका दहन के समय करें इन मंत्रों का जाप

होली रंगों का त्योहार है जो फाल्गुन माह में मनाया जाता है यह दो दिनों का उत्सव है पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन भिन्न-भिन्न रंगों से होली खेली जाती है इन दोनों दिनों का अपना-अपना अलग महत्व है इस वर्ष 25 मार्च होली को मनाई जाएगी वहीं होली के 1 दिन पहले शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाएगा धार्मिक मान्यता के मुताबिक होलिका दहन से पहले नरसिंह ईश्वर की पूजा करने का विधान है इस दिन विधि-विधान से नरसिंह ईश्वर की पूजा करने से जातकों को अज्ञात भय से मुक्ति मिलती है साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म में होली को बहुत जरूरी माना जाता हैफाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को होली का पर्व मनाया जाता है इस साल यह पर्व 25 मार्च को मनाया जाएगा और 24 मार्च को होली का दहन होगा होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि में 11:13 बजे से लेकर 12:27 बजे तक रहेगा यानी की 1 घंटे 14 मिनट तक होलिका दहन किया जा सकता है

ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धार्मिक मान्यता के मुताबिक होलिका दहन से ठीक पहले नरसिंह ईश्वर की पूजा करने का विधान है मान्यता है कि विधिपूर्वक नृसिंह ईश्वर की पूजा और आरती करने से जातकों को अज्ञात भय से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं होलिका दहन में में सामग्री अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप कर सकते हैं
अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः. अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्.

होलिका पूजन मंत्र
होलिका के लिए मंत्र- ॐ होलिकायै नम:
परमभक्त प्रह्लाद के लिए मंत्र- ॐ प्रह्लादाय नम:
भगवान नरसिंह के लिए मंत्र- ॐ नृसिंहाय न

नरसिंह ईश्वर की आरती
ओम जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे.
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे॥
ओम जय नरसिंह हरे
तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी.
अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥
ओम जय नरसिंह हरे
सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी, प्रभु दुस्यु जियो मारी.
दास जान आपनायो, दास जान आपनायो, जनपर कृपा करी॥
ओम जय नरसिंह हरे
ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे, प्रभु माला पहिनावे.
शिवजी जय जय कहकर, पुष्पन बरसावे॥
ओम जय नरसिंह हरे

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