तीखे नैन नक्श वाला पैदा होगा बच्चा, गर्भवती महिला को करना होगा ये काम
कौन स्त्री नहीं चाहेगी कि उसका पैदा होने वाला बच्चा बहुत सुंदर है। हिंदुस्तान सहित पूरे विश्व में महिलाएं इसके लिए कई तरह के टोटके अपनाती हैं। पर एक रोचक स्टडी में वैज्ञानिकों ने ऐसा नुस्खा खोज निकाला है जिसे गर्भवती स्त्रियों के अपनाने से उनका बच्चा तीखे नैन नक्श वाला होगा। यह इस तरह का पहला शोध है जिसमें गर्भवति स्त्रियों के खुराक का उनके भ्रूण पर कैसा होगा यह कहा गया है।
नेचर कम्यूनिकेशन में प्रकाशित शोध में दावा किया गया है कि मां की खुराक संबंधी आदतों का बच्चों के नैन नक्श पर सीधा असर हो सकता है। उनका बोलना है कि बच्चे के चेहरे से संबंधित कुछ बातों का गर्भ में ही मां की खुराक के आधार पर निर्णय होता है। इसके लिए उन्होंने पाया कि एक मां की खुराक के प्रोटीन स्तरों का जीन पर असर होता है।
इस शोध में शोधकर्ताओं का बोलना है कि मां की खुराक के प्रोटीन स्तर एमटीओआरसी1 जीन्स की गतिविधियों को प्रभावित करते हैं जो भ्रूणों के क्रैनियोफेशियल, यानी चेहरे और खोपड़ी की हड्डियों से संबंधित आकार के लिए उत्तरदायी होती हैं।
शोधकर्ताओं ने साफ रूप से पाया कि माताओं में उच्च प्रोटीन की खुराक से बच्चे की जॉ लाइन तीखी और मजबूत होती है और नाक भी बड़ी होती है। वहीं दूसरी ओर कम प्रोटीन की खुराक से नैननक्श हलके हो जाते हैं। उनका प्रोटीन आहार बच्चों के जबड़े या नाक के आकार को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।
इस शोध में वैज्ञानिकों का मकसद भ्रूणों का शोध था और इसके लिए उन्होंने गर्भवती चूहों और जेबरा मछलियों का शोध किया। उनमें पोषण के स्तरों में परिवर्तन कर उनके बच्चों में आए बदलावों का अवलोकन किया। शोध मे साफ तौर पर पाया गया कि मां में पोषण का बच्चों पर भ्रूणावस्था में ही लंबा और गहरा असर होता है। जिनमें चेहरे के हिस्से सबसे प्रमुख हैं।
गौर करने वाली बात यह है कि पिछले अध्ययनों ने मांग की खुराक का नवजात शिशुओं पर पड़ने वाले असर की व्याख्या की है। इसी वर्ष की आरंभ में प्रकाशित शोध में पाया गया था कि मोटी स्त्रियों में ऐसे बच्चों को पैदा करने की आसार बढ़ जाती है जिनका मेटाबॉलिज्म ऐसा हो जिससे भविष्य में उन्हें फैटी लीवर संबंधी बीमारी होते हैं।