लाइफ स्टाइल

उपहार का लेन-देन करते समय ध्यान रखें ये बातें

अक्सर हम शादी, बर्थडे पार्टी या किसी खास अवसर पर अपने प्रियजनों को उपहार लेते और देते हैं. उपहार लेने में भी खुशी मिलती है और उपहार देने में भी. फिर चाहे किसी की विवाह हो, चाहे किसी का जन्मदिन हो या गृह प्रवेश हो; कई मौकों पर उपहार लिया-दिया जाता है. परन्तु, उपहार देने और लेने के भी कुछ नियम होते हैं, यदि हम उन नियमों के मुताबिक लेन-देन करते हैं तो इससे हमें भी फायदा होता है और सामने वाले को भी. आओ जानते हैं विस्तार से नियम.

    1. देवी-देवताओं की मूर्तियां उपहार में नहीं देना चाहिए. दें भी तो ऐसे आदमी को दें जो उनकी पूजा करें, उनकी संभाल करें और उनका अपमान न हो.
    2. यदि श्रृंगार की कोई वस्तु आप किसी को दे रहे हैं तो जिससे आपके संबंध बहुत अच्छे हो उसी को यह उपहार दें. वरना आपका भाग्य कमजोर होने की आसार रहती हैं.
    3. एक आदमी का दिया गया उपहार किसी अन्य आदमी को नहीं देना चाहिए, क्योंकि इसमें उस आदमी का रेट और ऊर्जा होती हैं. यह यह ठीक नहीं माना जाता है.
    4. कांच की वस्तुएं या धारदार वस्तुएं जैसे- चाकू, कैंची, छुरी, सुई, आदि न दें. इससे घर में कलह जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. घर के लोगों से वाद-विवाद होने की आसार बड़ जाती है. यदि आपको किसी ने यह उपहार दिया है तो उसे जल में प्रवाहित कर दें या जरूरतमंद को दे दें.
    5. काले कपड़े भी किसी को उपहार में न दें और न ही कभी किसी से उपहार में लें. ऐसा करना अपशगुन माना जाता है. इससे दुख की स्थिति बनती है. यह मौत का कारक भी माना जाता है. इसी तरह पूरे सफेद कपड़े भी उपहार में न लें न ही दें.

  1. जूते भी किसी को उपहार में न तो दें और न ही लें. माना जाता है कि इससे दोनों की राह अलग हो जाती है. यह शनि गुनाह का कारण भी बनता है.
  2. वास्तु के मुताबिक माना जाता है कि घड़ी उपहार में लेने से उन्नति रुक जाती है और समय ठीक नहीं रहता. हालांकि यह बात घड़ी के आकार पर भी निर्भर करती है.
  3. किसी जानवर का मुखौटा जो सजावट में इस्तेमाल किया जाता है. जैसे- हिरण, शेर, बाघ. इस तरह की वस्तुएं भी उपहार में न तो दें और न ही लें.
  4. किसी से भी उपहार में रुमाल लेने से आपके जीवन में कष्ट आ सकते हैं. इसलिए रुमाल लेने-देने से भी बचकर रहें.
  5. ताजमहल की तस्वीर, कोई पेंटिंग जिसमें सूर्यास्त नजर आ रहा हो या जहाज या जहाज की पेंटिंग जैसे उपहार भी जीवन में नकारात्मकता फैलाते हैं.
  6. उपयोग में लाई गई वस्तु या जिन्हें हमने एकाध बार ही इस्तेमाल किया है और वह अब हमारे काम में नहीं आ रही है तो उसे भी किसी को उपहार में नहीं देना चाहिए और न ही लेना चाहिए.

उपहार हमारे मन का दर्पण होता है, जिससे हमारे दिए गए उपहार से हमारी भावनाएं प्रकट होती हैं. अतः उपहार के लेन-देन में हमारी शुभ कामनाओं के साथ योगदान और अच्छा रेट भी होना चाहिए. जिससे सभी के जीवन में शुभ और मंगल हो सकें. इसलिए वास्तु के इन छोटे से नियमों का अपनाएं और कोई सा अच्छा से उपहार का चयन करें जिसे सभी को खुशी मिले. बेहतर होगा कि रोजाना काम में आने वाली वस्तुएं ही उपहार में दें. जैसे- बर्तन, कपड़े आदि. देने से पहले यह सोच लें कि वह उस उपहार को काम में लेगा या नहीं.

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