सिधमुख नहर में पानी की चोरी से परेशान ग्रामीण
सादुलपुर में, गांव भीमसाणा के लोगों ने सिधमुख नहर में हो रही पानी चोरी को रोकने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने नहर विभाग के विरुद्ध आवाज उठाई और अधिशासी अभियंता के विरुद्ध भी इल्जाम लगाया। ग्रामीणों ने रोष जताते हुए बोला कि खेतों में सिंचाई के लिए और गांव में पीने वाले पानी के लिए संघर्ष करते हुए दो वर्ष बीत गए क्षेत्र के लोगों को पानी खरीद कर प्यास बुझाने की आदत पड़ गई है ।
वहीं गांव में गौशाला में सैकड़ो पशुओं की प्यास बुझाने के लिए पानी की मांग को लेकर ऑफिसरों के पास गए तोअधिशासी अभियंता ने उनके साथ अशोभनीय व्यवहार किया। बोला कि पानी उसके खेत में पैदा नहीं होता है। जिस के कारण ग्रामीणों को निराश लौटना पड़ा। ग्रामीणों ने बोला कि कागजो में पानी दौड़ रहा है लेकिन नहर में पानी नहीं आ रहा है।
इस अवसर पर राजू शर्मा , सुरजाराम पूनिया , दारा सिंह मूंड, विनोद ढाका , सतीश कुमार मूंड, कुलदीप मूंड, फूलाराम ढाका ,रतन सिंह धुवां, सत्यवान मूंड ,रामसिंह ढाका अन्य सहित दर्शनों ग्रामीणों ने नहर विभाग के विरुद्ध जमकर नारे बाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही सीएम के नाम कम्पलेन भेज कर गुनेहगार ऑफिसरों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग के साथ साथ नहर में पानी चोरी रोकने और क्षेत्र के किसानों को आवंटित पानी देने की मांग की है।
इस मौके पर ग्रामीणों ने बोला कि, शासन और प्रशासन सालों से नहर में चोरी हो रहे पानी को रोकने में नाकामयाब रहे है। क्षेत्र में सिधमुख नहर संघर्ष समिति की ओर से महीना तक आंदोलन के बावजूद सिधमुख क्षेत्र के किसानों की सुनवाई नहीं हो रही है। तथा नहर निर्माण के बाद नहर से जुड़े गावो मेंअन्तिम छोर तक पानी आज तक नही पहुचा है।तथा सिधमुख वितरीका से जुड़े 17 गांवों के लोग परेशान हैं।
करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी नही मिला पानी
क्षेत्र में सिंचाई एवं पीने के पानी के लिए सालों पूर्व नहर के निर्माण का उद्घाटन हुआ। सन् 1962 और 1992 में पुनः दो बार सर्वे हुआ। करोड़ों रूपए खर्च हो गये। लेकिन योजना से आज तक क्षेत्र के किसानों को फायदा नही पहुंचा। दुर्भाग्य यह भी रहा कि जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते नहर मूल स्वरूप में सिधमुख में नही पहुंची बल्कि एक छोटी नहर के रूप में पानी पहुंचाने का कोशिश किया गया। वर्षों तक नहर में पानी नही आया। यदाकदा किसानों ने मांग भी उठाई लेकिन जनप्रतिनिधि मौन रहे।
नहर में झाड़-झंझाड़
नहर की हालत नाजुक है। नहर कई जगहों से टूटी हुई है तथा वितरीका से जुड़ी माईनरों में झाड़-झंझाड़ खड़े है। ऐसी स्थिति में आखरी छोर तक पानी कैसे पहुंचेगा। ग्रामीणों का बोलना है कि विभाग मात्र आश्वासन की कार्रवाई कर रहा है। लेकिन रिपेयरिंग और सफाई कार्य होना दूर की बात किसने की वाजिब मांगों को भी अनदेखी की जा रही है।
ये गांव जुड़े हैं नहर से
सिधमुख, रजपुरिया, सादपुरा, सरदारपुरा, ढाणी छोटी और बड़ी, भीमसाणा, धांगड़ा, टुण्डाखेड़ी, किषनपुरिया बास, रामसरा ताल, गालड़, रेजड़ी आदि गांव नहर से जुड़े हैं।