हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की कामयाबी के लिए प्रभारियों ने संभाला मोर्चा

Ranchi : लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए झारखंड कांग्रेस पार्टी अब संगठन विस्तार और राहुल गांधी के हिंदुस्तान जोड़ो यात्रा के संदेश को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने में जुट गयी है। इसके लिए पार्टी हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरूआत करेगी। देशभर में 26 जनवरी से ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान प्रारम्भ होगा, जो 26 मार्च (दो माह चलेगा) को समाप्त होगा। हालांकि झारखंड में इस अभियान की शुरूआत फरवरी के दूसरे सप्ताह में होगी। प्रदेश कांग्रेस पार्टी प्रयास में हैं कि अभियान की शुरूआत राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से हाथों से कराया जाएं। राज्य में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरूआत संथाल परगना के पाकुड़ से की जायेगी। इसके लिए मल्लिकार्जुन खड़गे 9 या 11 फरवरी को पाकुड़ आयेंगे।
अभियान की कामयाबी के लिए प्रभारियों ने संभाला मोर्चा
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की कामयाबी को बीते दिनों ही जिलावार और विधानसभावार प्रभारियों की नियुक्ति की गयी है। सभी प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे जिला कांग्रेस पार्टी कमेटी के साथ बैठक कर अभियान की तैयारी में जुट जाए।
मिशन संथाल है उद्देश्य
पाकुड़ से प्रारम्भ होने जा रहे हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का उद्देश्य झाऱखंड कांग्रेस पार्टी का मिशन संथाल परगना है। बीजेपी का मुकाबला करने के लिए आम लोगों से जुड़ने की पार्टी कवायद करेगी। 2019 में गवर्नमेंट बनाने में संथाल परगना का काफी अहम रोल रहा है। कांग्रेस पार्टी और उसकी सहयोगी झामुमो संथाल में काफी मजबूत स्थिति में है।
कांग्रेस के 5 तो, झामुमो के 9 विधायक संथाल से ही
हेमंत कैबिनेट में कांग्रेस पार्टी कोटे के चार मंत्रियों में दो मंत्री क्रमशः आलमगीर आलम और बादल पत्रलेख दोनों संथाल परगना से ही आते हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी चार विधानसभा सीटों (पाकुड़, जरमुंडी, महगामा और जामताड़ा) पर चुनाव लड़ी और चारों में जीती। चुनाव के बाद पौडेयाहाट विधायक प्रदीप यादव कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये। प्रदीप यादव को बाद में विधानसभा में विधायक दल का उपनेता बनाया गया। यानी पार्टी के कुल 18 विधायकों में 5 संथाल से ही है। महागठबंधन में कांग्रेस पार्टी की प्रमुख सहयोगी झामुमो की भी संथाल में जबरदस्त पकड़ है। पार्टी के कुल 30 विधायकों में 9 विधायक संथाल से है। साफ है कि 2024 का रास्ता तय करने में संथाल परगना एक मजबूत आधार बनेगा। यही कारण है कि झामुमो और कांग्रेस पार्टी का पूरा जोर संथाल में है। कांग्रेस पार्टी यहां संगठन की मजबूती के साथ महागठबंधन को भी मजबूत करना चाहती है।