उत्तराखण्ड

इस झील के पानी में एकादशी पर त्रिदेव लगाते हैं डूबकी, ट्रेकिंग के लिए भी है मशहूर

सोचमोली उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित खूबसूरती का भण्डार सतोपंथ ताल धार्मिक महत्व रखने के साथ साथ ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध है हिमालय की गोद में स्थित यह झील प्रतिवर्ष अपनी सुन्दरता को बिखेरने के साथ साथ ट्रेकर्स और प्रकृति प्रेमियों को अपने पास खींच ही लेती है समुद्र तल से 4600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील ज्यादातर बर्फ से ढकी रहती है यहां सीमांत गांव माणा से पहुंचा जाता है ट्रेकर्स, फोटोग्राफर, प्रकृति प्रेमियों के लिए तो मानो यह एक ड्रीम डेस्टिनेशन है

पौराणिक कथाओं के मुताबिक त्रिदेव(ब्रह्मा, विष्णु, महेश) ने इस झील के तट पर मध्यस्थता की थी ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक एकादशी के दौरान त्रिमूर्ति सतोपंथ झील के पानी में डुबकी लगाते हैं साथ ही यहां पहुंचने वाले लोग यहां पहुंचकर डुबकी जरूर लगाते हैं यहां स्नान करना शुभ माना जाता है क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि ताल में विशेष प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, जो झील के प्रदूषक तत्वों को साफ रखते हैं जो अन्य स्थानों पर देखने को नहीं मिलते हैं

ट्रेकिंग के लिए भी है मशहूर
सतोपंथ झील केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड का ट्रेकिंग क्षेत्र भी है जहां राष्ट्र विदेश से प्रतिवर्ष ट्रेकर्स पहुंचते हैं यहां ट्रेकिंग करने के लिए कई कठिन पड़ावों से होकर जाना होता है ट्रेक माणा गांव से प्रारम्भ होता हुआ वसुंधरा घाटी से गुजरता है सतोपंथ ग्लेशियर की पृष्ठभूमि में चौखंबा और स्वर्गारोहिणी पर्वत की श्रेणियां यहां अंजान खूबसूरत अनछुई खूबसूरती को बयां करती हैं

रात को ठहरने की नहीं परमिशन
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सतोपंथ में जब तक निर्मलता और स्वच्छता रहेगी तब तक ही उस झील का पुण्य असर रहेगा यहां के एडवेंचर ट्रेकिंग जोशीमठ के टूर ऑपरेटर का बोलना है कि सतोपंथ के धार्मिक महत्व को देखते हुए, यहां यात्रियों को रात में आराम करने की अनुमति नहीं दी जाती है

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