DRI ने अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास सोना तस्करी सिंडिकेट का किया भंडाफोड़
सूरत: राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के ऑफिसरों ने एक जरूरी अभियान में अहमदाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक होटल से संचालित एक सोना स्मग्लिंग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया, जिससे बड़ी मात्रा में कीमती धातु बरामद हुई. डीआरआई ने अभियान के दौरान कुल 10.32 किलोग्राम 24 कैरेट सोना बरामद किया, जिसकी मूल्य 7.75 करोड़ रुपये है.
खुफिया सूचनाओं के आधार पर डीआरआई ऑफिसरों ने सरदार वल्लभभाई पटेल तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एसवीपीआई) पर अबू धाबी से आने वाले दो यात्रियों और उनके आने का प्रतीक्षा कर रहे दो व्यक्तियों पर गुप्त रूप से नज़र रखी. यह अवरोध हवाई अड्डे के आसपास के एक होटल के पास हुआ. पर्सनल तलाशी के दौरान डीआरआई ऑफिसरों ने यात्रियों के अंडरगारमेंट्स में छिपाकर रखा गया 3596.36 ग्राम विदेशी स्मग्लिंग का सोना बरामद किया.
बाद की जांच में होटल में ठहरे सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की पहचान हुई. आगे की पूछताछ में पता चला कि एक सदस्य दूसरे सिंडिकेट सदस्य से स्मग्लिंग का सोना प्राप्त करने के बाद अहमदाबाद से निकल चुका था, जो सुबह की फ्लाइट से आया था और ट्रेन से मुंबई जाने वाला था. डीआरआई ऑफिसरों ने बोरीवली स्टेशन पर उस आदमी को रोका और उसके पास से 2,551.000 ग्राम अतिरिक्त सोने का पेस्ट बरामद किया.
पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर, डीआरआई ऑफिसरों ने दुबई से एसवीपीआई एयरपोर्ट पर आ रहे इसी रैकेट के एक अन्य यात्री को रोका, जिसके परिणामस्वरूप 5.5 किलोग्राम सोने का पेस्ट बरामद हुआ. कुल मिलाकर, बरामद किए गए सोने की मात्रा 10.32 किलोग्राम थी, जिसकी अनुमानित मूल्य 7.75 करोड़ रुपये है. पकड़े गए यात्रियों और रैकेट के सदस्यों ने दुबई/अबू धाबी से सोने के पेस्ट की स्मग्लिंग करके अहमदाबाद में अपने संचालकों को देने की बात कबूल की.
तस्करी अभियान में शामिल मुख्य संचालक सहित सभी दस सदस्यों को सीमा शुल्क अधिनियम के अनुसार अरैस्ट किया गया. रैकेट के काम करने के ढंग में चेन्नई स्थित एक सोना वाहक रैकेट शामिल था जो अहमदाबाद हवाई अड्डे के माध्यम से काम करता था. रैकेट के सदस्य तमिलनाडु के व्यक्तियों की सहायता से विदेशी मूल के सोने के पेस्ट की स्मग्लिंग करते थे. पास के होटल में बैठा एक हैंडलर स्मग्लिंग का माल प्राप्त करता था और सोने को मुंबई, चेन्नई और अन्य स्थानों पर पहुंचाने के लिए एक अन्य आदमी को तैनात करता था. जांच से पता चला कि यह रैकेट पिछले चार महीनों से एक्टिव था.