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48 हफ्तों की कठिन प्रशिक्षण के बाद आज एसएसबी को मिले 53 नए उप निरिक्षक

श्रीनगर गढ़वाल: 48 हफ्तों की मुश्किल प्रशिक्षण के बाद आज एसएसबी को 53 नए उप निरिक्षक मिल गए हैं ये उप निरिक्षक एसएसबी सीटीसी श्रीनगर गढ़वाल (SSB CTC Srinagar Garhwal) के आयोजित पासिंग आउट परेड (POP) में राष्ट्र सेवा की शपथ लेने के बाद अपनी सेवा की आरंभ करेंगे उन सभी नए ऑफिसरों के कंधों पर सितारे चमक रहे हैं इन में सबसे अधिक जवान यूपी से 10, बिहार से 5, हरियाणा से 9, राजस्थान से 8, हिमाचल प्रदेश से 2, उत्तराखंड से 3, मणिपुर से 7, दिल्ली से 5, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से 1-1, और नागालैंड से 2 जवान शामिल हैं
अब एसएसबी के ये नये सब इंस्पेक्टर नेपाल-भूटान सीमा के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात होकर राष्ट्र की रक्षा करेंगे

क्या होती है पासिंग आउट परेड??
सैना या अर्ध सेना में भर्ती होने के बाद प्रशिक्षुओं को एक वर्ष या छः महीने की गहन प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है इसके बाद जवान पूरी तरह प्रशिक्षित हो जाते हैं और इसके परिणामस्वरूप पासिंग आउट परेड (POP) का आयोजन किया जाता है यह परेड वह दिन होता है जब जवान फोर्स का एक जरूरी हिस्सा बनते हैं इस प्रक्रिया में सबसे पहले मुख्य मेहमान प्रशिक्षुओं को सलामी देते हैं, फिर उनके कंधों पर सितारे चमकाए जाते हैं इसके बाद मुख्य मेहमान परेड का निरीक्षण करते हैं उनकी अनुमति मिलने पर राष्ट्रीय ध्वज रक्षक टोली का कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाता है यह कार्यक्रम कुछ महीनों तक चलता है और इसके बाद जवान राष्ट्र सेवा की शपथ लेते हैं शपथ लेने के बाद राष्ट्रीय ध्वज रक्षक टोली का प्रस्थान होता है

शपथ लेने के बाद मार्च पास्ट किया जाता है और परेड निकाली जाती है इस दौरान उच्च ऑफिसरों और मुख्य मेहमान को सलामी दी जाती है और परेड आगे बढ़ती है पीओपी होने के बाद मुख्य मेहमान जवानों को संबोधित करते हैं और उन्हें सेना का हिस्सा बनने पर शुभकामनाएं देते हैं इसके बाद प्रशिक्षण के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को सम्मानित किया जाता है इसके बाद प्रशिक्षण केंद्र से पास आउट होने वाले अधिकारी आखिरी कदम की ओर बढ़ते हैं

अंत में होती है रैंक परेड
पासिंग आउट परेड के दौरान अन्य जवान अपनी शक्ति प्रदर्शित करते हैं और विभिन्न तरह की मार्शल आर्ट, योगा, जूडो-कराटे, हार्स राइडिंग, समेत हैंड टू हैंड कांबेट और अन्य साहसिक गतिविधियों का प्रदर्शन करते हैं यह प्रदर्शन उनकी कुशलता और साहस को दर्शाता है अंत में, नये बने ऑफिसरों और जवानों की रैंक परेड होती है इस दौरान उच्च अधिकारी और मुख्य मेहमान समेत जवानों के परिजन उन्हें रैंक का बैज पहनाते हैं, जिसमें रैंक के मुताबिक सितारे भी होते हैं रैंक परेड के बाद, राष्ट्र की सेवा में समर्पित जवानों को अपने परिजनों से मिलने की इजाजत दी जाती है, और इस समय परिजनों और जवानों के आँसू खुशी का प्रतीक होते हैं

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