उत्तर प्रदेश

UP Primary School Syllabus : NCERT की नई किताबों में चरक

प्रदेश के 1.14 लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के सवा करोड़ से अधिक छात्र-छात्राएं अब आयुर्वेद के प्रणेता चरक, खगोल विज्ञानी वराहमिहिर, जानकी अम्माल (विज्ञान के क्षेत्र में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला) जैसे वैज्ञानिकों और विदुषियों को भी पढ़ेंगे. राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान एलनगंज के जानकारों ने कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए ‘हमारे महान वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ’ शीर्षक एक सप्लीमेंटरी पुस्तक तैयार की है जिसमें प्राचीन से लेकर आधुनिक काल तक के भारतीय वैज्ञानिकों और गणितज्ञों के बारे में जानने का मौका मिलेगा.

इसमें भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में डाक्टर विक्रम साराभाई, होमी जहांगीर भाभा, डाक्टर मेघनाद साहा, रसायन विज्ञान के क्षेत्र में शांति स्वरूप भटनागर, टीआर शेषाद्रि, गणित के क्षेत्र में बौधायन, वराहमिहिर, रामानुजन, चिकित्सा के क्षेत्र में चरक, सुश्रुत, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एम विश्वेश्वरैया, पक्षी विज्ञान के क्षेत्र में सालिम अली आदि जैसे प्रमुख प्राचीन और आधुनिक वैज्ञानिकों एवं गणितज्ञों सहित कुल 36 विभूतियों की जरूरी उपलब्धियों एवं उनके सहयोग से परिचित कराया गया है.

आयुर्वेद के प्रणेता चरक, प्लास्टिक सर्जरी के जनक सुश्रुत
महर्षि चरक को आयुर्वेद का प्रणेता एवं सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी का जनक माना जाता है. सर सीवी रमन और जगदीश चन्द्र बसु जैसे वैज्ञानिकों ने नोबेल पुरस्कार जैसा सम्मान प्राप्त करके राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है. महान गणितज्ञ और खगोल विज्ञानी आर्यभट्ट, शून्य की सबसे पहले व्याख्या करने वाले गुप्तकाल के महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त और गणितज्ञ मीडिया जैसे प्राचीन काल के महान वैज्ञानिकों के साथ ही आधुनिक काल के श्रीनिवास रामानुजन, सीवी रमन, सत्येन्द्र नाथ बोस, डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम आदि के संबंध में बच्चों को पढ़ाया जाएगा.

राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बोला कि भारतीय अंक पद्धति, दाशमिक जगह प्रणाली, जोड़, घटाना, शून्य एवं अनंत की परिकल्पना निसंदेह भारतीय गणितज्ञों की महान देन है. वास्तव में ये वे वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने अपने चिंतन से सारे विश्व में हिंदुस्तान का नाम रोशन किया.

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