उत्तर प्रदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर 16 मई तक लगा दी गई रोक

कारावास में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म की याचिका पर बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. फर्जी जन्म तिथि पर पासपोर्ट बनवाने के मुद्दे में अब्दुल्ला आज़म खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ट्रायल न्यायालय की कार्रवाई पर 16 मई तक लगाई रोक लगा दी. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने ट्रायल न्यायालय की कार्रवाई पर रोक लगाने के साथ ही राज्य गवर्नमेंट से इस मुद्दे में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. अब मुद्दे की अगली सुनवाई 16 मई को होगी.

अब्दुल्ला आज़म खान ने ट्रायल न्यायालय के निर्णय को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की है कि ट्रायल न्यायालय में चल रही सुनवाई के दौरान पेन ड्राइव और वीडियो रिकॉर्डिंग से जुड़े साक्ष्य पेश किया जाए. मुद्दे में एमपी-एमएलए न्यायालय (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में सुनवाई चल रही है. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम पर गलत दस्तावेजों से पासपोर्ट बनवाने का इल्जाम लगा है.
रामपुर के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में दर्ज है मुकदमा
फ़र्ज़ी पासपोर्ट मुद्दे में 30 जुलाई 2019 को अब्दुल्ला के विरुद्ध रामपुर के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था. बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने फर्जीवाड़ा और पासपोर्ट एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था. आकाश सक्सेना की कम्पलेन में बोला गया था कि अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाण पत्र और पासपोर्ट विभाग को दी गई जानकारी भिन्न-भिन्न है. कम्पलेन के मुताबिक अब्दुल्ला को 10 जनवरी 2018 को पासपोर्ट संख्या जेड-4307442 जारी हुआ था.
इसमें अब्दुल्ला की जन्म तारीख 30 सितंबर 1990 बताई गई है जबकि शैक्षिक प्रमाण पत्रों में एक जनवरी 1993 है. आकाश का ये भी इल्जाम है कि अब्दुल्ला ने पासपोर्ट का इस्तेमाल आर्थिक फायदा के लिए व्यापार संबंधी विदेश यात्राओं और विभिन्न संस्थाओं में आईडी प्रूफ के रूप में किया है.

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