Lok Sabha Election 2024: लवली ने पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद से त्याग-पत्र दे दिया है। उन्होंने इस्तीफे की वजह आम आदमी पार्टी से गठबंधन को कहा है। लवली ने बोला कि कांग्रेस पार्टी की दिल्ली इकाई गठबंधन के विरुद्ध थी लेकिन पार्टी आलाकमान ने गठबंधन को स्वीकृति दे दी। कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को शनिवार को भेजे त्याग-पत्र पत्र में लवली ने यह भी बोला कि दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों पर नेशनल कांग्रेस पार्टी पार्टी (एआईसीसी) प्रभारी दीपक बाबरिया ने एकतरफा वीटो कर दिया। लवली के इस्तीफे से कुछ दिन पहले बाबरिया के साथ टकराव के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री और एआईसीसी सदस्य राजकुमार चौहान ने पार्टी से त्याग-पत्र दे दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में लवली ने बोला कि भारी मन से मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं कि मैं लाचार महसूस कर रहा हूं और दिल्ली पार्टी इकाई का अध्यक्ष बने रहने में असमर्थ हूं। उन्होंने बोला कि मैंने कांग्रेस पार्टी पार्टी के क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की सहायता करने के एकमात्र उद्देश्य से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पार्टी कमेटी के अध्यक्ष की किरदार को कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार किया था, जिनके साथ मेरा बहुत करीबी और जीवन भर का जुड़ाव रहा है। उन्होंने बोला कि वैसे मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा नहीं कर सकता हूं तो मुझे इस पद पर बने रहने की कोई वजह नजर नहीं आ रही है। अत: अत्यंत खेद और भारी मन से मैं अरविंदर सिंह लवली डीपीसीसी अध्यक्ष पद से अपना त्याग-पत्र देता हूं। शीला दीक्षित की गवर्नमेंट में मंत्री रहे लवली को पिछले वर्ष अगस्त में दिल्ली कांग्रेस पार्टी प्रमुख नियुक्त किया गया था।
AAP से गठबंधन के विरुद्ध थी दिल्ली कांग्रेस- लवली
लवली ने बोला कि कांग्रेस पार्टी की दिल्ली इकाई AAP के साथ गठबंधन के विरुद्ध थी लेकिन फिर भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से इसका समर्थन किया और यह सुनिश्चित किया कि पूरी इकाई आलाकमान के आदेश का पालन करें। उन्होंने बोला कि दिल्ली कांग्रेस पार्टी इकाई ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन के विरुद्ध थी जो कांग्रेस पार्टी पार्टी के विरुद्ध झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण करप्शन के आरोपों के आधार पर बनी। पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री अभी करप्शन के आरोपों में कारावास में हैं। उन्होंने बोला कि इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में AAP से गठबंधन करने का निर्णय लिया। हमने पार्टी के फैसला का सम्मान किया। मैं सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ केजरीवाल की गिरफ्तारी वाली रात को उनके आवास पर भी गया जबकि यह इस मुद्दे में मेरे पद के विरुद्ध था।
कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी की आलोचना
लवली ने धन शोधन के आरोपों में कारावास में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा करने के लिए उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कन्हैया कुमार की भी निंदा की। उन्होंने बोला कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार भी पार्टी के रुख और क्षेत्रीय पार्टी कार्यकर्ताओं के विचारों के उल्टा दिल्ली के सीएम की झूठी प्रशंसा करते हुए मीडिया में बयानबाजी कर रहे हैं। लवली ने बोला कि ऐसा लगता है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार इस तथ्य से अनभिज्ञ हैं कि दिल्ली में AAP शासन के अनुसार स्कूलों, हॉस्पिटल और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की स्थिति शीला दीक्षित जी की कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट में हुए विकास कार्यों की तुलना में बहुत खराब हो गयी है।
लवली ने बोला कि वह पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद पर बने रहने में असमर्थ हैं क्योंकि दिल्ली के वरिष्ठ कांग्रेस पार्टी नेता द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों को एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा ढंग से रद्द कर दिया। उन्होंने बोला कि डीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद से, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे डीपीसीसी में वरिष्ठ पद पर नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है। डीपीसीसी के मीडिया प्रमुख के तौर पर एक वरिष्ठ नेता की नियुक्ति के मेरे निवेदन को सिरे से नकार दिया गया। अभी तक, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने डीपीसीसी को शहर में सभी मंडल अध्यक्षों को नियुक्त करने की अनुमति नहीं दी है। परिणामस्वरूप, दिल्ली में 150 से अधिक मंडलों में कोई अध्यक्ष नहीं है। लवली 1998 में गांधी नगर से विधायक के रूप में निर्वाचित हुए थे। वह दिल्ली में कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट में परिवहन, शिक्षा, शहरी विकास और राजस्व मंत्री भी रहे हैं।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दिया मुद्दे पर बयान
इधर, अरविंदर सिंह लवली के दिल्ली कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद से त्याग-पत्र देने पर पूर्व कांग्रेस पार्टी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा की मुझे नहीं पता कि उन्होंने त्याग-पत्र क्यों दिया है, लेकिन कोई तो कारण होगा। उन्होंने लिखा कि जहां तक मैं उन्हें जानता हूं कुछ कारण जरूर होगा। कृष्णम ने बोला कि मुझे लगता है कि लवली एक देशभक्त हैं। और, कोई भी देशभक्त कांग्रेस पार्टी में रहना नहीं चाहता है।