DRDO ने क्रूज मिसाइल का किया सफल परीक्षण
दुश्मनों की अब खैर नहीं है। क्योंकि DRDO ने स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल (ITCM) का सफल परीक्षण कर दिया है। यह मिसाइल 500 किलोमीटर तक लक्ष्य साधने में सफल है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने बताया, परीक्षण के दौरान सभी उपप्रणालियों ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया। मिसाइल की नज़र के लिए आईटीआर द्वारा विभिन्न स्थानों पर तैनात रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसर द्वारा की गई थी। मिसाइल की उड़ान की नज़र IAF Su-30-Mk-I विमान द्वारा भी की गई।
चार अप्रैल को बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-प्राइम’ का हुआ था सफल परीक्षण
भारत ने इसी महीने 4 अप्रैल को ओडिशा अपतटीय क्षेत्र में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-प्राइम’ का सफल परीक्षण किया था। सामरिक बल कमान (एसएफसी) ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर 1,000 से 2,000 किमी की मारक क्षमता वाली मिसाइल का उड़ान परीक्षण किया था।
अग्नि-पांच मिसाइल की मारक क्षमता 5,000 किमी
अग्नि-पांच मिसाइल की मारक क्षमता 5,000 किमी तक है। मिसाइल की जद चीन के उत्तरी भाग समेत लगभग पूरे एशिया और साथ ही यूरोप के कुछ क्षेत्रों तक है। वहीं, अग्नि-1 से अग्नि-4 श्रेणी की मिसाइलों की मारक क्षमता 700 किमी से 3,500 किमी तक है और इन्हें पहले ही तैनात किया जा चुका है।
पिछले वर्ष जून में हिंदुस्तान ने ‘अग्नि प्राइम’ का सफल परीक्षण किया था
भारत ने पिछले वर्ष अप्रैल में, अपने महत्वाकांक्षी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम के अनुसार बंगाल की खाड़ी में ओडिशा अपतटीय क्षेत्र में एक जहाज से ‘एंडो-ऐटमौसफेयरिक इंटरसेप्टर मिसाइल’ का पहला सफल परीक्षण किया था। समुद्र में मिसाइल के परीक्षण का उद्देश्य बैलिस्टिक मिसाइल के खतरे से मुकाबला करना था. इस परीक्षण के बाद हिंदुस्तान ऐसी क्षमता रखने वाले राष्ट्रों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया। हिंदुस्तान पृथ्वी की वायुमंडलीय सीमा के अंदर और बाहर किसी दुश्मन की तरफ से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की क्षमता विकसित कर रहा है