नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इल्जाम लगाया है कि 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद हिंदुस्तान में लोकतंत्र के संबंध में “सबकुछ बदल गया” और अब “कमजोर लोकतंत्र” है और जनसंख्या के बड़े हिस्से को बोलने की अनुमति नहीं है। उन्होंने यह भी बोला कि हालांकि हिंदुस्तान के लोकतंत्र पर ”गंभीर हमला” हो रहा है, लेकिन राष्ट्र इसकी रक्षा कर रहा है। राहुल ने बोला कि, “जब वह बचाव बंद हो जाएगा, यदि कभी, तब मैं कहूंगा कि हिंदुस्तान अब लोकतंत्र नहीं है। हालांकि, अभी भी बहुत सारे लोग हैं, जो हमारे लोकतांत्रिक ढांचे पर हमले से लड़ रहे हैं। लड़ाई समाप्त नहीं हुई है और मुझे लगता है कि हम जीतेंगे लड़ाई।”
नॉर्वे की ओस्लो यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी का भाषण:-
राहुल ने यह भाषण इसी महीने की आरंभ में नॉर्वे के ओस्लो यूनिवर्सिटी में दिया था, जिसका वीडियो गुरुवार (21 सितंबर) को पार्टी द्वारा जारी किया गया था। यह वीडियो उस समय जारी किया गया, जब हिंदुस्तान की संसद स्त्रियों को 33 फीसद आरक्षण प्रदान करने वाला नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित हो रहा था। यह विधेयक बीते 27 सालों से लंबित पड़ा हुआ था। यूनिवर्सिटी में अपनी खुली वार्ता में, राहुल ने इंडिया-भारत नाम टकराव के बारे में भी बात की और बोला कि यदि प्रधान मंत्री ‘इंडिया’ का नाम बदलकर हिंदुस्तान कर देते हैं, तो विपक्षी गुट इण्डिया भी अपना नाम बदल देगा और फिर प्रधान मंत्री को फिर से राष्ट्र का नाम बदलना होगा। उन्होंने बोला कि, “मैं नहीं मानता कि कोई अन्य सियासी दल, सिर्फ़ अपना नाम चुनकर, राष्ट्र का नाम बदलने में सफल रहा है। यह एक विश्व रिकॉर्ड है।” उन्होंने कहा, “अगर वह नाम बदलेंगे तो हम भी अपना नाम बदल लेंगे। फिर, उन्हें फिर से नाम बदलना होगा।”
पिछले 9 वर्ष में 20 करोड़ लोग गरीबी में चले गए – राहुल गांधी
बता दें कि, गवर्नमेंट द्वारा G20 में हिंदुस्तान को अधिक प्रमुखता से इस्तेमाल करने के कारण, हाल ही में ऐसी अटकलें थीं कि राष्ट्र का नाम बदला जा सकता है और इण्डिया को हटाया जा सकता है। विपक्ष ने इल्जाम लगाया था कि गवर्नमेंट का बल हिंदुस्तान पर इसलिए है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन स्वयं को इण्डिया (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) कहता है। राहुल ने बोला कि इण्डिया समूह का प्रत्येक आदमी इस बात पर सहमत है कि वे “भारतीय लोकतंत्र की हत्या” को बर्दाश्त नहीं करेंगे। राहुल ने इल्जाम लगाया कि, “सबसे पहले, हम RSS को हमारे संस्थानों पर कब्जा नहीं करने देंगे। दूसरे, हमारा मानना है कि हिंदुस्तान में उत्पन्न असमानता का स्तर – 2-3 व्यावसायिक घरानों का एकाधिकार; 20 करोड़ लोग जो पिछले 9 सालों में गरीबी में चले गए हैं – स्वीकार्य नहीं है। तीसरा, हम सभी सहमत हैं कि गवर्नमेंट को स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर अधिक खर्च करना चाहिए और इसमें शामिल होना चाहिए।”
India’s democracy is under severe assault but India is also defending it. When that defence stops, if ever, then I’ll say India is not a democracy anymore. However, there are still so many people विश्व स्वास्थ्य संगठन are fighting the attack on our democratic structure.
The fight is not over and… pic.twitter.com/fDUYBJBG74
— Congress (@INCIndia) September 21, 2023
राहुल ने यह भी बोला कि वह राष्ट्र में एक विशेष विचारधारा का बचाव करते हैं। उन्होंने बोला कि, “यह महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध और गुरु नानक की विचारधारा है; मैं इसके लिए लड़ता हूं। चाहे मैं नेता बनूं या न बनूं, यह कोई बात नहीं, हम अपने राष्ट्र के भविष्य के लिए एक वैचारिक संघर्ष में लगे हुए हैं , और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी स्थिति की रक्षा करें, और यही मैं करता हूं।” राहुल गांधी ने बोला कि 2014 तक, हिंदुस्तान में लोकतंत्र तटस्थ संस्थानों, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों, सभी के लिए मीडिया तक पहुंच, सभी के लिए वित्त तक पहुंच के साथ एक-दूसरे से लड़ने वाले सियासी दलों का एक समूह था, लेकिन “2014 में यह सब बदल गया”।
नॉर्वे की धरती से हिंदुस्तान गवर्नमेंट पर धावा करते हुए राहुल ने बोला कि, “भारत में, आज, हम अब किसी सियासी दल से नहीं लड़ते हैं, इसलिए पूरा खेल बदल गया है। संस्थानों पर RSS कब्जा है, एजेंसियों CBI, प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स विभाग को हथियार बनाया गया है, वे उन लोगों पर धावा करते हैं जो बीजेपी की विचारधारा का विरोध करते हैं ।तो हम अब आपकी नियमित सियासी प्रतियोगिता नहीं लड़ रहे हैं, हम अब भारतीय राज्य की वास्तुकला से लड़ रहे हैं।”
मुझे हिंदुस्तान के विश्वविद्यालयों में बोलने की अनुमति नहीं- राहुल गांधी
राहुल ने आगे बोला कि इसका मतलब यह है कि इंटरव्यू और वार्ता जैसी पारंपरिक रूप से पार्टियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकें “अब हमारे लिए मौजूद नहीं हैं”। उन्होंने बोला कि ‘आपने मुझे अमेरिका, फ्रांस में विद्यार्थियों से बात करते हुए देखा है, लेकिन मैं हिंदुस्तान में ऐसा नहीं कर सकता। मुझे शारीरिक रूप से भारतीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, जैसा कि हमारे अधिकतर विपक्षी नेताओं को है। यदि हम अंदर जाने की प्रयास करते हैं विश्वविद्यालय, हमने पाया कि कुलपति RSS हैं और वह हमें बताते हैं कि भारतीय विश्वविद्यालयों के अंदर चर्चा स्वीकार्य नहीं है।”
भारत में कमज़ोर लोकतंत्र- राहुल गांधी
राहुल कहे कि, ‘आपने बोला कि हिंदुस्तान सबसे बड़ा लोकतंत्र है, यह सच है, लेकिन मेरे लिए, एक ऐसा लोकतंत्र जहां आपको अपनी आवाज व्यक्त करने की अनुमति नहीं है, जहां आपको वह कहने की अनुमति नहीं है जो आप महसूस करते हैं, जहां बड़ी संख्या में लोगों को वह नहीं दिया जाता है अवसर, एक कमजोर लोकतंत्र है और यही हमारे पास हिंदुस्तान में है।” राहुल ने इल्जाम लगाया कि जनसंख्या के बड़े हिस्से को बोलने की इजाजत नहीं है, धमकाया जाता है और सियासी नेतृत्व को ”कुचल दिया जाता है”। उन्होंने कहा, “मुझ पर 24 मुद्दे हैं, मुझसे 55 घंटे तक पूछताछ की गई है, मुझे दो वर्ष की कारावास की सजा दी गई है, हिंदुस्तान में पहली बार किसी को आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम सजा दी गई है।” बता दें कि, इससे पहले जब राहुल गांधी ब्रिटेन और अमेरिका की यात्रा पर गए थे, वहां भी उन्होंने इसी तरह से हिंदुस्तान गवर्नमेंट और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखे हमले किए थे।
भारत जोड़ो यात्रा हमारी राजनितिक जरूरत – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने बोला कि, “हमने पाया कि पुराने उपकरण काम नहीं करते हैं। बहुत से लोगों ने मुझसे पूछा कि आप 4,000 किमी (भारत जोड़ो यात्रा) क्यों चले, लेकिन हमारे लिए यही एकमात्र विकल्प बचा था। यदि आपने मुझसे 2005 या 2012 में भी पूछा होता, तो क्या मैं कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल जाना होता, तो मैं कहता ‘कोई रास्ता नहीं’। लेकिन यह हमारे लिए एक सियासी जरूरत बन गई।” उन्होंने दावा किया कि, “हमने महसूस किया है कि जब लोकतंत्र पर धावा होता है और आवाज पर धावा होता है, तो उससे निपटने का एकमात्र असली तरीका कार्रवाई, शारीरिक रूप से जाना और लोगों से मिलना है। यही एकमात्र साधन है जो विपक्ष के लिए बचा है।” अपनी टिप्पणी में, राहुल ने यह भी बोला कि कांग्रेस पार्टी एक विचार है और हिंदुस्तान के लोगों के लिए केंद्रीय दृष्टिकोणों में से एक है।
कांग्रेस के विचार पर धावा कर रहा RSS- राहुल गांधी
उन्होंने बोला कि, “हम कांग्रेस पार्टी संगठन को फिर से परिभाषित कर रहे हैं और इसे कांग्रेस पार्टी के विचार के साथ अधिक निकटता से जोड़ रहे हैं।” राहुल ने बोला कि, “इसे समझने के लिए, हमने अंग्रेजों से अहिंसक ढंग से लड़ाई लड़ी और उन्हें हराया। यह कांग्रेस पार्टी का विचार है, और यह हिंदुस्तानियों के दिल और दिमाग में दृढ़ता से गूंजता है। इस विचार पर RSS की विचारधारा द्वारा धावा किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, “हम कांग्रेस पार्टी के विचार को कैसे मजबूत करें? पूरे राष्ट्र में कांग्रेस पार्टी के विचार की रक्षा करके। जब भी कांग्रेस पार्टी के विचार पर धावा होता है, कांग्रेस पार्टी संगठन उसकी रक्षा के लिए आगे आता है।”
चीन के साथ हम कैसे प्रतिस्पर्धा करेंगे – राहुल गांधी
सत्ता में आने पर इण्डिया गठबंधन क्या करेगा ? इस बारे में बोलते हुए, राहुल ने बोला कि यह हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक परंपरा को पुनः प्राप्त करेगा और उन संस्थानों को वापस लाएगा जो तटस्थ हैं और हिंदुस्तान के लोगों से संबंधित हैं। उन्होंने बोला कि “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन पर धावा या दबाव न डाला जाए।” राहुल कहे कि, “हमारे लिए 1.4 अरब की जनसंख्या वाले राष्ट्र में विनिर्माण न करना कोई विकल्प नहीं है, वरना हमारे पास बड़े पैमाने पर बेरोजगारी और गुस्सा होगा, जो हमारी अर्थव्यवस्था को अस्थिर बना देगा। क्या हम चीन की विनिर्माण क्षमता के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए कोई वैकल्पिक दृष्टिकोण पेश कर सकते हैं? एक तरह से यह ज़बरदस्ती नहीं है, बल्कि राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता के साथ है।’ राहुल ने बोला कि, “भारत के बड़े हिस्से ऐसे हैं जो इसकी विकास गाथा में शामिल नहीं हैं, जैसे कि आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक आदि और हिंदुस्तान उन्हें शामिल किए बिना सफल नहीं होगा।”