राष्ट्रीय

117 दिन पहले बेटे उमर ने अपने पिता की जेल बदलवाने के लिए खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

Mukhtar Ansari son Umar Ansari : एक समय था जब मुख्तार अंसारी के नाम से लोग कांपते थे, समय बदला और स्वयं मुख्तार अंसारी अपनी जीवन बचाने के लिए न्यायालय से भीख मांगने लगे मुख्तार अंसारी को अपनी जान का डर सता रहा था खौफ इस कदर था कि उसे न्यायालय में न्यायधीश के सामने यह तक बोलना पड़ा कि हमारी मर्डर हो सकती है अपने पिता मुख्तार की जीवन बचाने के लिए उनके बेटे उमर अंसारी ने लिए उच्चतम न्यायालय के सामने गुहार लगाई

4 दिसंबर 2023: न्यायधीश साहब! पिता की जान बचा लीजिए

4 दिसंबर 2023 यानी आज से ठीक एक 117 दिन पहले बेटे उमर ने अपने पिता की कारावास बदलवाने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था उस समय अंसारी उत्तर प्रदेश के बांदा कारावास में बंद थे उमर अंसारी ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिका में बोला था कि उनके पिता को कारावास में खतरा है अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बांदा कारावास में उन्हें मारने की षड्यंत्र रची जा रही है इसलिए न्यायालय से निवेदन है कि पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य राज्य में भेज दे राज्य ऐसा हो जहां भाजपा की गवर्नमेंट न हो उमर अंसारी ने आगे याचिका में बोला था कि उसके पिता एक ऐसे सियासी दल से जुड़े हैं, जो वर्तमान गवर्नमेंट का ‘राजनीतिक और वैचारिक रूप से’ विरोध करती है

अतीक की तरह पुलिस कस्टडी में हो सकती है पिता की हत्या
ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस किराए के हत्यारों से उसके पिता की मर्डर करा सकती है उसके पिता की मर्डर कराने की षड्यंत्र जोरों से चल रही है और इस बात की भनक उसे और उसके परिवार वालों को लग गई है उन्हें गवर्नमेंट और प्रशासन पर एकदम भी भरोसा नहीं है  उमर ने इस याचिका में अतीक की मर्डर का हवाला भी दिया था उनका बोलना था कि कि जैसे पुलिस कस्टड़ी में अतीक और अशरफ की मर्डर हो सकती है ‌इसी तरह उनके पिता की पुलिस कस्टडी में मर्डर हो सकती है इस मुद्दे में सुप्रीम न्यायालय ने उस समय कोई निर्णय नहीं किया था

पत्नी ने जताई थी मृत्यु की आशंका
बेटे उमर से पहले मुख्तार अंसारी की पत्नी ने भी मुख्तार के जान को खतरा माना था इस बात को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था उस समय इलाहाबाद हाई न्यायालय ने मुख्तार की सुरक्षा बढ़ाने की बात कही थी लेकिन बेटे को तब भी मृत्यु का खतरा लगा रहा जिसके बाद सुप्री न्यायालय में याचिका दाखिल की थी उमर का बोलना था कि पिता को न्यायालय बांदा कारावास से दूसरे कारावास ट्रांसफर करने का आदेश दे दे

अदालत में न किया जाए पेश
मुख्तार अंसारी को मृत्यु का इतना खौफ था कि उसके बेटे ने याचिका में यह भी बोला था कि उनके पिता को न्यायालय में भी न लाया जाए इसके लिए न्यायालय से निवेदन किया था कि मुख्तार अंसारी को सिर्फ़ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालतों के समक्ष पेश किया जाए

28 मार्च को मुख्तार की मौत 
मुख्तार अंसारी की उपचार के दौरान हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई हार्ट स्ट्रोक की कम्पलेन पर मुख्तार अंसारी को कारावास से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था वहीं पर मृत्यु हो गई

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