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रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण नहीं मिलने से छलका रामबहादुर वर्मा के परिजनों का दर्द, कहा…

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा बांटे जा रहे रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण पत्रों को लेकर एक अनार सौ बीमार की स्थिति पैदा हो गई है जिन्हें निमंत्रण मिल रहा है, वे उसके आभारी हुए जा रहे हैं, लेकिन जिन्हें नहीं मिल रहा, उनके गिले-शिकवों का कोई अंत नहीं है शिकवे करने वालों में ट्रस्ट के ‘अपने’ भी हैं और ‘पराये’ भी

जयशंकर पांडेय और तेजनारायण पांडेय पवन को नहीं मिला निमंत्रण

गिले-शिकवे बिल्कुल से निराधार भी नहीं हैं कांग्रेस पार्टी के भूतपूर्व सांसद निर्मल खत्री को तो यह निमंत्रण रविवार को ही मिल गया उन्हें निमंत्रित करने गये ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने उनके साथ फोटो भी खिंचाया लेकिन राममंदिर आंदोलन के बडे चेहरों में से एक बीजेपी के पूर्व सांसद विनय कटियार को ये पंक्तियां लिखने तक निमंत्रण नहीं मिला है सपा के अयोध्या के दो भूतपूर्व विधायकों जयशंकर पांडेय और तेजनारायण पांडेय पवन को भी नहीं यह तब है, जब ये तीनों अयोध्या में ही रहते हैं

विनय कटियार को भी नहीं मिला निमंत्रण

विनय कटियार के निकटवर्ती सूत्रों की मानें तो अभी तक प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए ट्रस्ट की ओर से किसी ने उनसे औपचारिक सम्पर्क तक नहीं किया है, जबकि वे राममंदिर आंदोलन में अग्रिम पंक्ति में थे और बजरंगदल के संस्थापक हैं

निमंत्रण नहीं मिलने से दुखी हैं त्रिलोकीनाथ पांडेय के परिजन

दूसरी ओर रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद टकराव में पक्षकार और रामलला के सखा रहे त्रिलोकीनाथ पांडेय अब इस संसार में नहीं हैं और उनके परिजन दुखी हैं कि उन्हें भी प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला उनके बेटे अमित के मुताबिक पहले बोला गया था कि निमंत्रण दिया जायेगा जानकारों के मुताबिक टकराव की सुनवाई के दौरान जहां सुप्रीमकोर्ट में रामलला को प्राण-प्रतिष्ठित विग्रह, वहीं त्रिलोकीनाथ पांडेय को उनका सखा और पक्षकार माना और इसी आधार पर रामलला के पक्ष में निर्णय सुनाया था पांडेय के बेटे के मुताबिक 10-12 दिन पहले निमंत्रण भिजवाने के लिए उनका पता पूछा गया था ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने आश्वस्त भी किया था कि आपको निमंत्रण जाएगा, लेकिन अब मेरा निमंत्रण कैंसिल कर दिया गया है

निमंत्रण नहीं मिलने से छलका रामबहादुर वर्मा के परिजनों का दर्द

सुल्तानपुर जिले के जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के सरतेजपुर गांव निवासी रामबहादुर वर्मा के परिजनों का दर्द भी अमित जैसा ही है वर्मा की 1990 में कारसेवा के दौरान 30 अक्टूबर को उन्हें पुलिस की गोली लगी थी और उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी उनके गांव में बनी उनकी समाधि भी बनी है और भाजपाई सरकारों के मंत्री उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने आते रहे हैं लेकिन उनके परिजनों को भी निमंत्रण नहीं मिला है इस बीच ट्रस्ट का बोलना है कि मेहमानों को आमंत्रित किए जाने की प्रक्रिया अभी जारी है, लेकिन किसी को भी आमंत्रण की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए और 22 जनवरी को अपने निकट के मंदिर को ही अयोध्या का मंदिर मानकर वहां जाना और 11 बजे से दो बजे के बीच ‘उद्घाटन-पूजा’ में वर्चुअली शामिल होना चाहिए

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