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छिंदवाड़ा में आए बदलाव का जिक्र करते हुए कमल नाथ ने कहा…

भोपाल. मध्य प्रदेश में पहले चरण में छह संसदीय क्षेत्रों में शुक्रवार 19 अप्रैल को मतदान होने वाला है. पहले चरण के चुनाव की सबसे हाॅट सीट छिंदवाड़ा है, जिसे कमल नाथ परिवार का गढ़ माना जाता है. बीते 45 वर्ष में हुए चुनाव में केवल एक बार कमल नाथ को हार का सामना करना पड़ा है.

बीते साढ़े चार दशक में छिंदवाड़ा में आए परिवर्तन का जिक्र करते हुए कमल नाथ ने बोला कि इस समय छिंदवाड़ा में जितना काम हुआ है, उतना शायद ही किसी सांसद ने किया हो.

छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार नकुल नाथ का बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू से मुकाबला है. इस चुनाव में दोनों ही दलों ने अपनी ताकत झोंक रखी है. कांग्रेस पार्टी जहां विकास का हवाला दे रही है, वहीं बीजेपी कमल नाथ के परिवार को बाहरी बता रहे हैं.

पूर्व सीएम कमल नाथ ने छिंदवाड़ा वासियों को दिए एक संदेश में बीते 45 वर्ष और क्षेत्र से अपने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा, “पिछले 45 वर्ष से मैं छिंदवाड़ा की सेवा कर रहा हूं और मैं गर्व से कह सकता हूं कि आप सब के योगदान से छिंदवाड़ा में इतना काम हुआ है जितना किसी सांसद ने शायद ही अपने क्षेत्र में कराया हो. जिस छिंदवाड़ा के केवल 440 गांव में बिजली हुआ करती थी, आज वहां सभी 2000 से अधिक गांव में बिजली पहुंच गई है.

छिंदवाड़ा में हुए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कमल नाथ ने कहा, राष्ट्र में सबसे अधिक 6000 किलोमीटर ग्रामीण सड़क छिंदवाड़ा जिले में बनी है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. कोविड के समय जब पूरे राष्ट्र में लोग परेशान हो रहे थे, तब भी छिंदवाड़ा एकमात्र ऐसा जिला रहा जहां लोगों को ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई और दवाई तथा इंजेक्शन समय पर मिले. मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा हनुमान मंदिर छिंदवाड़ा के सिमरिया में बना और हम सबको ईश्वर हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का अवसर मिला.

कमलनाथ ने आगे कहा, जिस छिंदवाड़ा और आसपास के क्षेत्र में लोग रेलगाड़ी देखने को तरसते थे आज वहां से राष्ट्र के प्रमुख शहरों के लिए रेल गाड़ियां चल रही हैं. सीएम रहते मेडिकल कॉलेज और कृषि यूनिवर्सिटी स्वीकृत किए जिनका काम बीजेपी ने धीमा कर दिया.

उन्होंने इल्जाम लगाया कि इस चुनाव में दबाव, प्रलोभन का सहारा लिया जा रहा है. इस चुनाव में ऐसे लग रहा है जैसे चुनाव नहीं बल्कि युद्ध हो रहा है. छिंदवाड़ा के विकास को रोकने के लिए विरोधी दल पूरी तरह एक्टिव हैं.

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