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इन वजहों से अस्पताल पर हमला करना माना जाता है युद्ध अपराध

नई दिल्ली इजरायल-हमास के बीच चल रही जंग को एक महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी ये थमने का नाम नहीं ले रही है वहीं इजरायली सेना ने अब ग्राउंड लेवल पर भी हमले तेज कर दिए हैं इजरायली बल गाजा के सबसे बड़े हॉस्पिटल अल-शिफा में दाखिल हो चुके हैं, जहां हजारों लोग भर्ती हैं लेकिन इजरायली सेना का बोलना है कि उस हॉस्पिटल के नीचे हमास का कमांड सेंटर है और उसमें हमास के लोग छिपे हुए हैं इसलिए उसे तबाह करना महत्वपूर्ण है

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का बोलना है कि इजरायल गाजा पट्टी में अस्पतालों पर धावा कर रहा है गाजा स्वास्थ मंत्रालय ने यह भी बोला था कि इजरायली सेना लगातार हम पर अस्पतालों को खाली करने का दबाव बना रही है हमारे लिए ऐसा करना कठिन है क्योंकि हॉस्पिटल में कई गंभीर रोगी हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है हमास और इजरायल युद्ध में हॉस्पिटल एक बड़ा मामला है हालांकि, इजरायल का मानना है कि हमास के लोग अस्पतालों का इस्तेमाल ढाल की तरह कर रहे हैं, इसलिए वो अस्पतालों को खाली करने की प्रयास कर रहे हैं

जंग के लिए बने नियमों में साफ लिखा है कि जंग के दौरान आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जा सकता अस्पतालों, रिहायशी इलाकों, इमारतों, स्कूल, कॉलेज और घरों को निशाना नहीं बनाया जा सकता आम नागरिकों के अतिरिक्त मेडिकल वर्कर्स और पत्रकारों को भी निशाना नहीं बना सकते इसके अनुसार हॉस्पिटल जैसी स्थान पर कोई भी शत्रु पक्ष धावा नहीं कर सकता है और न ही दबाव देकर खाली करने को कह सकता है हालांकि, जिनेवा कन्वेंशन में उल्लेख है कि यदि कोई शत्रु समूह गलत ढंग से हॉस्पिटल का इस्तेमाल कर रहा है तो उस स्थिति में हॉस्पिटल संरक्षण खो सकता है

जेनेवा कन्वेंशन में बनाए गए कानून को इंटरनेशनल ह्यूमैनेटिरियन लॉ (International Humanatarian law) बोला गया इस कानून में 161 नियम है, जिसे 196 राष्ट्रों ने मान्यता दे रखी है इसमें साफ बोला गया है कि जब किसी राष्ट्र के अंदर युद्ध हो रहा होता है तो यह कानून लागू नहीं होता है लेकिन दो राष्ट्र आपस में जंग कर रहे होते हैं और उसमें हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है तो यह कानून लागू होता है

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