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क्या टिकट कटने पर फूट-फूटकर रोए भाजपा नेता अश्विनी चौबे, लोग बोले…

 बीजेपी ने पिछले दिनों बिहार की 17 सीटों पर लोकसभा उम्मीदवारों की सूची जारी की थी. इस सूची में 4 पुराने चेहरों का टिकट काटा गया था. इनमें से एक नाम अश्विनी चौबे का था. कहा गया कि अश्विनी चौबे के विरुद्ध क्षेत्र में भारी एंटी इनकंबेसी थी और इस कारण उन्हें बेटिकट कर दिया गया.

  • अश्विनी चौबे की स्थान बीजेपी ने मिथलेश तिवारी को बक्सर से उम्मीदवार बनाया है. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो मे अश्विनी चौबे फूट-फूटकर रोते दिखाई देते हैं.
  • दावा किया जा रहा है कि बक्सर से टिकट कटने से दुखी अश्विनी चौबे इतने भावुक हो गए कि फूट-फूटकर रोने लगे. इस दावे से जुड़े ट्वीट्स हमें कई वेरिफाइड और नॉन वेरिफाइड एक्स अकाउंट्स पर देखने को मिले.

आरजेडी से जुड़े आलोक चिक्कू नाम के एक वेरिफाइड यूजर ने ट्वीट किया- अश्विनी चौबे के एक एक आंसू का बदला लेगा ब्राह्मण समाज, बीजेपी ने अश्विनी चौबे का टिकट काटकर बिहार के ब्राह्मणों का अपमान किया है.ब्राह्मण समाज स्वाभिमानी समाज है वो ऐसी पार्टी को कभी वोट नहीं करेगा जिसने उसके प्रिय नेता को सार्वजनिक स्थान पर रोने को विवश कर दिया हो.

 

Rofl Lalu नाम के वेरिफाइड एक्स एकाउंट ने ट्वीट किया-

बक्सर से अश्विनी चौबे का टिकट काट दिया गया . चौबे जी रो रहे हैं, बहुत आहत हैं लेकिन मजाल है जो पार्टी के विरुद्ध बगावत कर दें या किसी और पार्टी की तरफ मुंह कर लें. बगावत तो बहुत दूर की बात है, शीर्ष नेतृत्व के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं बोल पाएंगे. 1-2 दिन में चौबे जी का बयान आएगा कि वो ऐक्टिव पॉलिटिक्स से संन्यास ले रहे हैं .

गौतम गंभीर , हर्षवर्धन , वीके सिंह और जितने भी मौजूदा सांसदों के टिकट काटे गए, अधिकांश लोगों का यही बयान आया है. आप इसे अनुशासन बोल सकते हैं लेकिन यह अनुशासन नहीं डंडा है. यदि पार्टी के विरुद्ध कुछ कहे तो अभी तो केवल टिकट ही कटा है , बाद में मॉर्निंग वॉक भी कठिन हो जाएगी. इसके बाद भी आपको लगता है कि राष्ट्र में लोकतंत्र है ?? फिर तो आपने लोकतंत्र की परिभाषा ही बदल दी है.

 

संतोष कुमार यादव नाम के एक्स यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा-ब्राह्मण समाज के अश्विनी चौबे का टिकट काटकर भाजपा ने सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज का अपमान किया है. सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज बीजेपी को हराकर इनके आंसुओं का बदला अवश्य लेगा.

 

 

वायरल दावे में कितनी सच्चाई?

दावे की पड़ताल के लिए हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल इमेज पर रिवर्स सर्च किया. साथ ही गूगल पर कुछ सामान्य से कीवर्ड्स डालते ही हमें एनडीटीवी का एक आर्टिकल मिला.

खबर में कहा गया था कि भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी के मृत्यु की समाचार सुनकर अश्विनी चौबे भावुक हो गए थे और प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच ही फूट-फूटकर रोने लगे थे.

 

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