Good Friday 2024: किसी को गलती से भी ना बोलें ‘हैप्पी गुड फ्राइडे’, जान लीजिए क्या हुआ था इस दिन
आज यानी 29 मार्च को गुड फ्राइडे (Good Friday 2024) मनाया जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है। गुड फ्राइडे प्रभु ईसा मसीह के बलिदान के रूप में मनाया जाता है। ईसाई धर्म की मान्यता के अनुसार, जब दुनिया में पाप बढ़ने लगता है, तो उस पाप को समाप्त के लिए एक देवदुत का जन्म होता है। माना जाता है कि इसी वजह से प्रभु यीशु बनकर इस धरती पर आए थे। आज का दिन मानव समाज को प्रेम और अहिंसा का संदेश देने के लिए मनाया जाता है।
ईसाई धर्म की मान्यता के अनुसार, ईसा मसीह समाज में फैली बुराइयों को समाप्त करने के लिए लोगों को संदेश देते थे, पर उनके विरुद्ध कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई और झूठे इल्जाम लगा दिए। जिसके बाद उन्हें सूली पर मौत दंड देने का फरमान जारी कर दिया गया। उन पर कोड़े-चाबुक बरसाए गए। उन्हें कांटों का ताज पहनाया गया। इसके बाद हाथों पर कील ठोंकते हुए ईसा मसीह को सूली पर लटका दिया गया। ईसा मसीह को शुक्रवार के दिन सूली पर चढ़ाया गया था, इसीलिए इस दिन को गुड फ्राइडे बोला जाता है। ईसाई समुदाय के लोग इस दिन चर्च जाकर ईसा मसीह के बलिदान को याद करते हुए प्रार्थना करते हैं।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा के बडन मेमोरियल चर्च के पादरी रॉबिन्सन दास ने Local 18 को कहा कि गुड फ्राइडे प्रभु ईसा मसीह के बलिदान के रूप में मनाया जाता है। यीशु को सूली पर लटकाया गया था, पर इसके बावजूद भी उन्होंने लोगों से 7 वाणी बोली थीं। यीशु का सपना था कि सभी लोग नफरत की भावनाओं को छोड़ अमन, चैन और शाँति को कायम रखें। यीशु के बलिदान के रूप में गुड फ्राइडे को मनाया जाता है। गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म से जुड़े लोग प्रभु ईसा मसीह के द्वारा कहीं बातों को याद करते हुए लोगों को उनके बारे में कहा जाता है और उन्हें प्रेरित किया जाता है।
स्थानीय निवासी एम रॉबर्ट ने मीडिया से बोला कि जब पृथ्वी पर पाप बढ़ गया था, तो हमारे प्रभु ने हमारे देवदुत को भेजा था। यीशु लोगों को इन्सानियत का पाठ पढ़ाया करते थे। यीशु ने लोगों के लिए काफी बलिदान दिया। उनके ऐसे बलिदान को लेकर हर वर्ष गुड फ्राइडे मनाया जाता है और इस दिन वह चर्च में आकर इबादत करते हैं।