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शादीशुदा मर्द दूसरी औरत की तरफ क्यों हो जाते हैं आकर्षित, जानिए वजह

पुरुषों द्वारा विवाहेतर संबंध: विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन है. इसलिए विवाह में जो संकट पैदा होता है उसका असर दोनों परिवारों पर पड़ता है. दांपत्य जीवन प्रारम्भ होते ही उसे सुधारने पर ध्यान देना चाहिए. लेकिन किसी भी तरह से एक को दूसरे पर शासन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

रिश्ते में सबसे अहम बात है एक-दूसरे को समझना और प्यार से रहना. यदि इसमें कोई परेशानी आती है तो उसे वार्ता के जरिए सुलझाएं लेकिन आज भी ऐसे कई पुरुष हैं जिनके दूसरी स्त्रियों के साथ विवाहेतर संबंध और शारीरिक संबंध हैं. विवाह के बाद ऐसे अफेयर से विवाह की उम्र कम हो जाती है.

आकर्षण, देखभाल और प्यार न होने पर संबंध अक्सर टूट जाते हैं. यह सब किसी बाहरी आदमी के लिए आपके जीवन में प्रवेश का रास्ता बनाता है. कुछ लोगों का यह भी मानना ​​है कि बच्चे के आने से अक्सर दंपती के बीच दूरियां बढ़ जाती हैं. मां बनने के बाद महिलाएं अपना पूरा ध्यान बच्चे पर देती हैं और उनके पास अपने पति से बात करने का भी समय नहीं होता है.

कई लोग कहते हैं कि इस स्थिति में पुरुष दूसरी स्त्रियों के बारे में सोच सकते हैं. लेकिन ज्यादातर पुरुष अपनी पत्नियों के इस दौर को समझते हैं और उनकी सहायता करते हैं. आइये जानते हैं कि पुरुष विवाहेतर संबंध क्यों बनाते हैं.

अलग-अलग राय रखना

अलग-अलग राय और विचारों का मामला अक्सर चुनौतीपूर्ण होता है. जिससे संबंध खराब होने लगते हैं. अक्सर आपसी दोषारोपण और परेशानियां बढ़ने पर मर्दों का दूसरी स्त्रियों के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है. एक पति अपनी पत्नी को कम आंकने लगता है. उसे दूसरी स्त्रियों में अच्छे गुण नजर आने लगते हैं.

इसका एक कारण है विवाह की उम्र

अक्सर ऐसे मामलों में विवाह की उम्र एक जरूरी कारक होती है. इस समय शीघ्र विवाह और दोनों की अपरिपक्वता बाद में समस्याओं का कारण बनती है. इससे संबंध में दूरियां आ जाती हैं, जो अंततः विवाहेतर संबंधों को जन्म देती है. जब दंपती एक साथ नहीं रहना चाहते तो तलाक की नौबत आ जाती है.

रिश्तेदारों का हस्तक्षेप

अक्सर ससुराल वाले और पति के परिवार वाले वैवाहिक जीवन में अनावश्यक हस्तक्षेप करते हैं और ऐसे मामलों की आरंभ करते हैं. क्योंकि ऐसे में आपमें से कई लोगों के मन में विवाह न करने का ख्याल भी आता है. ऐसे में कुछ पुरुष दूसरा रिश्ता प्रारम्भ कर लेते हैं. इससे बाद में पारिवारिक जीवन बाधित होता है. संबंधियों को हमेशा एक निश्चित दूरी पर रखना चाहिए. बाहरी लोगों की बातों का असर अपनी विवाह पर न पड़ने दें.

एक दूसरे पर भरोसा खोना

किसी भी संबंध में सबसे जरूरी चीज हमेशा आपसी विश्वास होती है. जब यह खो जाएगा तो बाद में इसे संभालना बहुत कठिन हो जाएगा. मर्दों द्वारा इस स्थिति का निवारण ढूंढने का एक तरीका दूसरा रिश्ता बनाना है.

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