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जानें, क्या होती है सुकेली, कुछ ही जगह बनती है ये स्पेशल डिश

अक्सर आप से बोला जाता है कि ताजा फल खाना चाहिए, नहीं तो उसका स्वाद कम हो जाता है. यदि आपसे मैं यह कहूं कि ताजा फल नहीं 2 महीने पुराना फल भी टेस्टी लगता है तो आप सुनकर चौंक जाएंगे. दरअसल, सुकेली ऐसी डिश है, जो सूखे केले से बनाई जाती है. यह पूरे हिंदुस्तान में केवल 2 या 3 राज्यों में बनाई जाती है. उनमें एक राज्य महाराष्ट भी शामिल है. इस डिश को बहुत कम लोग जानते हैं. लेकिन आज हम आपको Local 18 पर इस डिश के बारे में विस्तार से बताते हैं कि इसे कैसे तैयार की जाती है और इसकी क्या विशेषता है.

सुकेली का व्यापार करने वाले पायस रोड्रिक्स ने Local 18 टीम से बात करते हुए कहा कि सुकेली बनाने में बहुत मेहनत लगती है. इसे बनाने में जो केला इस्तेमाल किया जाता है, वह चेन्नई से मंगवाया जाता है, जिसे कुछ दिन पकने के लिए छोड़ दिया जाता है. उन्होंने कहा कि इसे बिना केमिकल के ही पकाया जाता है, जो कि 3 से 4 दिन में केला अच्छे से पक जाता है. केला पकने के बाद एक ही बार में 800 से 1000 केले को छील कर छत पर सूखने के लिए 15 दिनों तक छोड़ दिया जाता है. इसके बाद उसे पैक करके ग्राहकों की डिमांड के हिसाब से राष्ट्र के कोने-कोने में बेचा जाता है. इनके अतिरिक्त उत्तराखंड, चेन्नई, यूपी से भी ऑर्डर आते रहते हैं.

समय के साथ व्यापार में बदलाव
पायस रोड्रिक्स ने आगे कहा कि सुकेली का व्यापार पिताजी और दादा जी के जमाने से किया जा रहा है. उन्होने बोला इस समय पूरे महाराष्ट्र में केवल 2 ही लोग सुकेली को बनाते हैं. उन्होंने बोला सुकेली को केले के पत्ते में पैक करके और कागज में लपेटकर बेचते हैं. उन्होने कहा कि सुकेली मूल्य 600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक जाता है. एक किलो सुकेली में छोटे केले की 25 सुकेली और बड़े केले से बनी 16 सुकेली चढ़ती हैं.

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