Election Result 2023: कांग्रेस के पारंपरिक एससी-एसटी वोट बैंक में भाजपा ने लगायी सेंध
Assembly Election Result: मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को मिली जीत के बाद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी न केवल राहुल गांधी की गारंटी पर भारी पड़ गयी है, बल्कि इसने राजनीति में कई एजेंडे को क्लीयर कर दिया है। जातिगत गणना पर बीजेपी को देशभर में घेरने की योजना बना कर राहुल ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस एजेंडे को टॉप पर रखा। उन्होंने अपनी रैलियों में कहा, कांग्रेस पार्टी की गवर्नमेंट बनते ही जातिगत गणना करायी जायेगी। राहुल ने ओबीसी का मामला भी जबरदस्त ढंग से उठाया। दूसरी तरफ, बीजेपी का जातिगत गणना को लेकर स्टैंड क्लीयर था। 30 नवंबर को पीएम मोदी ने ‘विकसित हिंदुस्तान संकल्प यात्रा’ के लाभार्थियों से बात करते हुए कहा, विकसित हिंदुस्तान का संकल्प चार अमृत स्तंभों पर टिका है। ये अमृत स्तंभ हैं, हमारी नारी शक्ति, हमारी युवा शक्ति, हमारे किसान और हमारे गरीब परिवार। मेरे लिए तो सबसे बड़ी जाति है ‘गरीब’।
कुछ लोग जाति आधारित गणना के माध्यम से राष्ट्र के हिंदुओं को बांटने का काम कर रहे हैं। उनके लिए गरीब ही सबसे बड़ी जाति और सबसे बड़ी जनसंख्या है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों की गणना का आह्वान किया और उनकी इस अपील ने सारी बिसात ही पलट कर रख दी। जातिगत गणना का मामला औंधे मुंह जमीन पर गिरा। लोगों को यह बात समझ में आ रही है कि युवाओं को जॉब चाहिए, न कि जातिगत गणना।
तीन राज्यों की राजधानियों में नतीजे की ऐसी रही तस्वीर
भोपाल : सात विधानसभा सीटों में से दो पर कांग्रेस पार्टी ने जमाया कब्जा, पांच पर बीजेपी ने दर्ज की भारी बहुमत से जीत
रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी की सात विधानसभा सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों ने परचम लहराया, कांग्रेस पार्टी को मिली हार
जयपुर : राजस्थान की राजधानी की कुल 19 में से 12 सीटें बीजेपी के खाते में गयी, कांग्रेस पार्टी पार्टी को मिलीं सात सीटें
कांग्रेस के पारंपरिक एससी-एसटी वोट बैंक में बीजेपी ने लगायी सेंध
राजस्थान
- राज्य की 200 विधानसभा सीटों में से 59 सीटें एससी (34) और एसटी (25) के लिए आरक्षित
- एससी की 34 सीटों में से बीजेपी ने 22 पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस पार्टी को 11 सीटों पर संतोष करना पड़ा है, एससी के लिए आरक्षित एक सीट पर निर्दलीय ने चुनाव जीता है
- 25 एसटी सीटों में से बीजेपी ने 12 पर कब्जा किया है, जबकि कांग्रेस पार्टी को 10 सीटें ही मिली हैं, एसटी के लिए आरक्षित अन्य तीन सीटों पर हिंदुस्तान आदिवासी पार्टी ने जीत दर्ज की है।
मध्य प्रदेश
- राज्य की 82 आरक्षित सीटों में से अनुसूचित जनजाति के लिए 47 और अनुसूचित जाति के लिए 35 सीटें हैं रिजर्व
- चुनाव में बीजेपी ने एसटी के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 25 पर बीजेपी जीती, वहीं कांग्रेस पार्टी को 21 सीटों पर जीती मिली, हिंदुस्तान आदिवासी पार्टी को एक सीट पर जीत मिली है
- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 35 सीटों में से बीजेपी को 26 और कांग्रेस पार्टी को नौ सीटें मिली हैं।
छत्तीसगढ़
- राज्य में कुल 39 सीटें हैं आरक्षित, अनुसूचित जनजाति के लिए 29 और अनुसूचित जाति के लिए 10
- चुनाव में बीजेपी ने एसटी के लिए आरक्षित 29 सीटों में से 18 पर बीजेपी जीती, वहीं कांग्रेस पार्टी को 11 सीटों पर जीती मिली
- एससी के लिए आरक्षित 10 सीटों में से बीजेपी को पांच और कांग्रेस पार्टी को पांच सीटें मिली हैं।
भाजपा की जीत और कांग्रेस पार्टी की हार के बड़े कारण
मध्य प्रदेश
- शिवराज सिंह का आक्रामक प्रचार, योजनाओं का फायदा लेने वाले लोगों से लगातार मिलते रहे
- कांग्रेस यहां अति आत्मविश्वास का शिकार बनी, नेताओं में आपसी सामंजस्य का घोर अभाव दिखा
- भाजपा ने जम कर हिंदुत्व का मामला उठाया, मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम कराया, कांग्रेस पार्टी नहीं दिखी
छत्तीसगढ़
- जातीय समीकरण बिठाने में असफल रही कांग्रेस, जो जातियां कांग्रेस पार्टी को वोट करती रहीं, वो दूर हुईं
- साहू समाज जिसने 2018 में कांग्रेस पार्टी को वोट किया था, इस बार उससे छिटका
- कांग्रेस का सबसे बड़ा वोट बैंक गांवों में था, बीजेपी ने गांव के उस वोटर में बेहतर चुनावी प्रबंधन किया।
राजस्थान
- नहीं चला गहलोत का जादू, युवाओं ने गहलोत की गारंटियों को नकारा, मोदी पर किया भरोसा
- प्रदेश में चल रही थी कांग्रेस पार्टी पार्टी के विरुद्ध विरोधी लहर, पार्टी में देखने को मिली बड़ी गुटबाजी
- गहलोत और पायलट में तकरार ने देशभर में सुर्खियां बटोरी, शीर्ष नेतृत्व इसे ठीक करने में जुटा रहा
तेलंगाना
- परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केसीआर पर जमकर धावा कहा और लोगों ने इस पर भरोसा जताया
- युवाओं से जुड़े मामले को कांग्रेस पार्टी ने अपने कैंपेन में खूब उठाया, प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी पर लगाम का वादा
- कर्नाटक और हिमाचल की तर्ज पर कांग्रेस पार्टी ने यहां भी चुनावी योजनाओं का घोषणा किया, बना जीत का कारण