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81 साल के बाइडेन की याददाश्त फिर दे गई दगा, अब कहा…

81 वर्ष के हो चुके अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन एक बार फिर राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल हैं लेकिन, उनके आलोचकों के अनुसार, याददाश्त और ढलती उम्र के चलते वो इस पद के लिए ठीक नहीं हैं. इस बीच बाइडेन की याददाश्त फिर दगा दे गई, जब उन्होंने दावा किया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके चाचा की मृत्यु की वजह को गलत कहा गया. बाइडेन के मुताबिक, उनके चाचा को गोली लग गई थी और वे न्यू गिनी के उस हिस्से में थे, जहां नरभक्षियों ने उन्हें खा दिया. इसलिए आज तक उनका मृतशरीर बरामद नहीं हुआ है.

जो बाइडेन की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति की रेस में उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के विरुद्ध थी, जिसमें बाइडेन के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने बोला था कि द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए  अमेरिकी सैनिक शहीद का दर्जा पाने के हकदार नहीं हैं क्योंकि वे हारे हुए थे. हालांकि ट्रंप ने बाइडेन के दावों को खारिज किया कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा. जो बाइडेन बुधवार को पेंसिल्वेनिया में युद्ध स्मारक के दौरे पर थे. तब उन्होंने अपने चाचा एम्ब्रोस जे फिननेगन को याद करते हुए बोला कि “न्यू गिनी में उन्हें गोली मार दी गई थी और उनका मृतशरीर कभी नहीं मिला क्योंकि वहां उस समय बहुत नरभक्षी हुआ करते थे. उन्होंने मेरे चाचा को खा दिया.

हालांकि, बाइडेन के दावों से उलट फिननेगन की मृत्यु के बारे में अमेरिकी सेना रिकॉर्ड में बातें अलग हैं. रिकॉर्ड के अनुसार, फिननेगन को गोली मारे जाने का कोई उल्लेख नहीं है. इसके अतिरिक्त किसी नरभक्षी द्वारा खाए जाने की भी कोई जानकारी नहीं है. रिकॉर्ड कहते हैं कि “अज्ञात कारणों से, उनके विमान को न्यू गिनी के उत्तरी तट से दूर समुद्र में डूबते हुए देखा गया था. इस हादसा में मारे गए तीनों लोगों का कभी पता नहीं चला.

बाइडेन के दावों पर व्हाइट हाउस क्या बोला

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एंड्रयू बेट्स ने सीधे तौर पर बाइडेन के दावों को गलत नहीं कहा. न ही इस पर कोई बयानबाजी की. उन्होंने केवल इतना बोला कि बाइडेन को “अपने चाचा की सेवा पर गर्व है, जिन्होंने उस समय अपनी जान गंवा दी जब राष्ट्र को आवश्यकता थी.

बाइडेन के पुराने फर्जी दावे

यह पहली बार नहीं है जब बाइडेन इस तरह के फर्जी दावे करते रहे हैं. NBC में छपि रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन अक्सर अपने बेटे के बारे में भी दावा करते हैं कि वह इराक में डेलावेयर आर्मी नेशनल गार्ड में कार्यर करते हुए शहीद हुआ. जबकि, उनके बेटे की 2015 में ब्रेन कैंसर से मृत्यु हुई थी. बाइडेन के बेटे की सेना सेवा से घर लौटने के बाद अमेरिका में मृत्यु हुई थी.

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