स्वास्थ्य

काम के बोझ के चलते कर्मचारियों की मानसिक सेहत खराब, जानें कुछ और भी खास बातें

कार्यस्थल पर काम के बोझ के चलते कर्मचारियों को की मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रही है अंतराष्ट्रीय स्तर पर हुए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है इसमें पाया गया कि पूरे विश्व में औसत 20 प्रतिशत कर्मचारी बर्न आउट की कम्पलेन करते हैं वहीं हमारे राष्ट्र में ये आंकड़ा पूरे विश्व के औसत से अधिक है

18 से 24 वर्ष के युवा बर्नआउट का अधिक शिकार: मैकिन्से स्वास्थ्य संस्थान की ओर से 30 राष्ट्रों के 30 हजार कर्मचारियों को इस सर्वे में शामिल किया गया सर्वे में ये भी पाया गया कि छोटी कंपनियों में काम करने वाले 18 से 24 वर्ष के युवा बर्नआउट का अधिक शिकार हो रहे हैं इसकी वजह से काम का भी हानि होता है और आर्थिक हानि भी उठाना पड़ सकता है

क्या है बर्न आउट: अमेरिकी मनोवैज्ञानिक हर्बर्ट फ्रेउडेनबर्ग ने 1974 में ‘बर्नआउट’ शब्द का प्रयोग किया था स्टाफ बर्नआउट नाम के एक रिसर्च पेपर में उन्होंने कहा था कि बर्नआउट ‘क्रॉनिक स्ट्रेस’ यानी लगातार रहने वाली तनाव की स्थिति है यदि काम का तनाव लगातार बना रहे तो आगे चलकर ये बर्नआउट का रूप ले सकता है

डब्ल्यूएचओ ने माना गंभीर बीमारी: बर्नआउट की गंभीरता को देखते हुए 2019 में डब्ल्यूएचओ ने इसे एक रोग का दर्जा दिया और इसे पहचानने के कुछ लक्षण भी बताए डब्ल्यूएचओ के अनुसार बर्न आउट ऐसी स्थिति है, जो अचानक पैदा नहीं होती, बल्कि धीरे-धीरे बढ़ती है रोजमर्रा का थोड़ा-थोड़ा स्ट्रेस आगे चलकर बर्नआउट का रूप ले लेता है

बर्न आउट के लक्षण

  1. घबराहट बढ़ने लगे
  2. लगातार थकान बनी रहे
  3.  किसी काम में मन न लगे
  4. हर समय बेवजह उदासी महसूस करना

बचाएं स्वयं को बर्न आउट से

1. नकारात्मक सोच से बचें : नकारात्मक सोच की वजह से हमें लग सकता है कि आसपास के लोग हमारे काम को पसंद नहीं करते इसकी वजह से आप अपने मन में ही स्ट्रेस के हालात बना लेते हैं इस सोच से बचने और इसे बदलने की प्रयास करें
2. फीडबैक को समझें : बर्न आउट से पीड़ित लोग स्ट्रेस फीडबैक को निंदा की तरह लेते हैं फीडबैक को वो अपनी असफलता का संकेत भी मान लेते हैं लेकिन, यह अपने काम को बेहतर करने, सीखने और आगे बढ़ने का एक मौका है
3. समय का प्रबंधन ठीक से करें : वर्क लाइफ बैलेंस के लिए समय का प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण है इसके जरिये आप अपने ऑफिस और निजी लाइफ को अलग रख सकते हैं अपने लिए समय निकाल सकते हैं और समय पर काम समाप्त करके दबाव भी कम कर सकते हैं
4. लोगों के पसंदीदा विषय पर वार्ता करें : अगर आपके जीवन में केवल ऑफिस या काम की ही बातें होंगी तो हो सकता है आप स्वयं को अकेला समझने लगें इसलिए अपने दोस्तों या परिवार से बातें करें

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