बिहार

Gopalganj Lok Sabha: महिलाओं को प्रतिनिधित्व का आज तक नहीं मिला मौका

गोपालगंज सदर विधानसभा सीट से चार बार स्त्रियों को जनता ने मौका दिया है. आंकड़े बताते हैं कि साल 1969 में हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस पार्टी की रामदुलारी सिन्हा निर्वाचित घोषित की गई थीं. उन्होंने जनसंघ के कमला प्रसाद सिंह को हराया.1971 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर रामदुलारी सिन्हा दोबारा विधानसभा की सदस्य निर्वाचित हुईं. उन्होंने नागेश्वर सिंह को हराया. 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर राधिका देवी निर्वाचित हुईं. उन्होंने निर्दलीय काली प्रसाद पाण्डेय को हराया. वहीं साल 2022 में पूर्व मंत्री सह सदर विधायक रहे सुभाष सिंह के मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी कुसुम देवी बीजेपी के टिकट पर विजयी हुईं. उन्होंने राजद के मोहन प्रसाद गुप्ता को हराया.

2014 के लोकसभा चुनाव में ज्योति भारती को कांग्रेस पार्टी ने बनाया था उम्मीदवार

 

गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के साल 2014 के चुनाव में स्त्री प्रत्याशी उपविजेता रही थीं. तब बीजेपी के जनक राम ने कांग्रेस पार्टी की ज्योति भारती को 2,86,936 मतों के अंतर से पराजित किया. इस चुनाव में जनक राम को 4,78,773 तथा ज्योति भारती को 1,91,837 मत मिले थे. 2014 के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जरूरी दलों ने स्त्री को उम्मीदवार नहीं बनाया. इस बार 2024 के चुनाव में यह आशा जताई जा रही थी की महागठबंधन के द्वारा कहीं स्त्री प्रत्याशी को गोपालगंज में अपना उम्मीदवार बनाया जाए लेकिन यह भी कोशिश असफल रहा. महागठबंधन ने इस चुनाव में गोपालगंज सीट पर प्रेमनाथ चंचल को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं एनडीए अपने  निवर्तमान सांसद चिकित्सक आलोक कुमार सुमन पर ही भरोसा जताया है.

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