टीएमबीयू के स्नातक के 90 हजार छात्रों को अंकपत्र का इंतजार
भागलपुर कुलाधिपति के सामने 68 लंबित परीक्षाओं का संचालन कर परिणाम जारी किए जाने का दावा करने वाला टीएमबीयू स्नातक के 90 हजार विद्यार्थियों को अंकपत्र देने में पिछड़ गया. इन विद्यार्थियों का िववि ने परिणाम तो जारी कर दिया पर उनके अंकपत्र अब तक उनके कॉलेजों को नहीं भेजे गए हैं. परिणाम जारी हुए दो महीने बीत चुके हैं. परीक्षा विभाग के पास अंकपत्र की छपाई के लिए पन्ने नहीं हैं क्योंकि इसके लिए विभाग के पास पैसे नहीं हैं. फिर ऐसे परिणाम का विद्यार्थियों को क्या फायदा? उन्हें प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी नहीं मिल सका है. वे दूसरे विवि जाना चाहें या किसी नौकरी के लिए आवेदन करना चाहें तो नहीं कर सकते. शुक्रवार तक विवि में छुट्टी रही. शनिवार को विवि प्रशासनिक भवन सहित सभी विभाग और कॉलेज खुल जाएंगे. ऐसे में विद्यार्थियों की भीड़ जुटेगी. पर परीक्षा विभाग के पास विद्यार्थियों के लिए उत्तर नहीं है. छुट्टी होने से पहले तक विद्यार्थी और अभिभावक विवि का चक्कर लगाते रहे. आसपास के प्रखंडों या दूसरे जिलों के जो छात्र-छात्राएं एमएएम कॉलेज नवगछिया, जीबी कॉलेज नवगछिया, जेपी कॉलेज नारायणपुर, मुरारका कॉलेज सुल्तानगंज, एसएसवी कॉलेज कहलगांव, पीबीएस कॉलेज बांका में पढ़ाई करते हैं और भागलपुर शहरी क्षेत्र में हॉस्टलों या लॉज में रहते हैं, वे अपने-अपने कॉलेज का चक्कर लगाते रहते हैं कि उनका अंकपत्र वहां पहुंचा या नहीं. उत्तर एक ही मिलता है नहीं. कहा गया कि विवि ने तीन वर्षीय स्नातक कोर्स के सत्र 2021-24 के पार्ट टू, सत्र 2022-25 के पार्ट वन और सत्र पार्ट-थ्री के आर्ट्स का परिणाम लगभग दो महीने पहले जारी कर दिया. लेकिन इनके अंकपत्र कॉलेजों को नहीं भेजे गए हैं. जिन विद्यार्थियों ने प्रोविजनल सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया है उनके प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी तैयार नहीं हुए हैं. छोटी परीक्षाओं के अंकपत्र ही तैयार कर सका विवि विवि केवल बीसीए, बीबीए, एमबीए, एमसीए जैसी छोटी परीक्षाओं के ही अंकपत्र तैयार कर सका है क्योंकि इनमें विद्यार्थी स्नातक से कम थे. इसके लिए भी संबंधित विद्यार्थियों ने बवाल किया था तब अंकपत्र तैयार हुए. इसके लिए परीक्षा विभाग को ढाई लाख रुपए मिले थे जिससे तक पन्नों की खरीद हुई थी. पर स्नातक में पार्ट वन के लगभग 35 हजार, पार्ट टू के 30 हजार और पार्ट थ्री के करीब 25 हजार विद्यार्थियों का अंकपत्र तैयार होना है.