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बाराबंकी में बारिश की वजह से जलभराव की समस्या

 बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में बीते दिनों बारिश की वजह से जलभराव की परेशानी सामने आई थी कहा जा रहा है यह परेशानी जमुनिया नाले और रेठ नदी की जमीन पर कब्ज़ा की वजह से हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस त्रासदी का संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी गठित की थी इस कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है जांच कमेटी के अफसरों के अनुसार नगर से गुजरे जमुरिया नाले और रेठ नदी की आधी से अधिक जमीन पर लोगों ने गैरकानूनी कब्ज़ा कर रखा है इसी की वजह से जल निकासी प्रभावित हुई और नगर में जल भराव के हालात बन गए डीएम बाराबंकी को भी हालत से अवगत कराते हुए गैरकानूनी कब्जों को हटाने की सिफारिश की गई है

यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार बीते 10 सितंबर को शहर में बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए थे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव सिंचाई से रिपोर्ट तलब की थी इसकी जांच के लिए मुख्य अभियंता शारदा नहर अशोक सिंह और अधीक्षण अभियंता संतोष कुमार सिंह समेत कई ऑफिसरों की टीम बनाई गई थी टीम ने अपनी जांच में पाया कि जमुरिया नाले की चौड़ाई लगभग 14 मीटर और रेठ नदी की चौड़ाई लगभग 50 से 56 मीटर के बीच है, जबकि जमुरिया नाला पहले नदी के रूप में चिन्हित था और उसकी लंबाई लगभग 22 किलोमीटर है वहीं, रेठ नदी का उद्गम सीतापुर जिले से होता है और यह 109 किलोमीटर लंबी है

नदी की जमीन पर लोगों ने किया निर्माण
बता दें कि बरसात के दौरान जमुरिया नाला और रेठ नदी की तलहटी और आसपास के क्षेत्र में गैरकानूनी निर्माण के चलते जल निकासी प्रभावित हुई साथ ही बारिश के पानी को निकलने में समय लगा, जिसके चलते शहर के अनेक इलाकों तक पानी पहुंच गया जांच कमेटी के ऑफिसरों के अनुसार नाला और नदी का 50 प्रतिशत हिस्सा खाली होना चाहिए साथ ही फ्लड एरिया तय करके उसको भी खाली कराया जाना चाहिए ऑफिसरों के अनुसार इन पर गैरकानूनी रूप से मकान, मैरिज लॉन, गेस्ट हाउस, स्कूल, हॉस्पिटल पुल और पुलिया भी बन गए हैं यह सभी बाढ़ के हालात के लिए उत्तरदायी हैं ऑफिसरों ने कहा कि डीएम को गैरकानूनी कब्जों को हटाने के लिए पत्र लिखा गया है साथ ही डिटेल रिपोर्ट अगले 15 दिनों में प्रमुख सचिव को सौंप दी जाएगी

 

स्थानीय निवासी दानिश, खालिद अशरफ और सूरज वर्मा के अनुसार बीते दिनों हुई बारिश से उनका सारा सामान खराब हो गया पूरी गृहस्थी बर्बाद हो गई है लोगों का बोलना है कि जब नाले और नदी की जमीन पर जब कब्जा किया था तब जिले के अधिकारी क्या कर रहे थे कैसे नक्शा पास हो गया कैसे टैक्स लिया जा रहा है ऑफिसरों की ढिलाई का खामियाजा हम लोग भुगत रहे हैं शहर के सभी इलाकों में बाढ़ आई थी ऐसी त्रासदी हम लोगों ने अपनी जीवन में नहीं देखी इसका उत्तरदायी जितना आम नागरिक है उतना ही जिले के आलाधिकारी भी हैं

 

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