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स्वामी प्रसाद मौर्य अब बनाने जा रहे हैं अपनी अलग पार्टी

लखनऊ: सपा (Samajwadi Party) से अलग होने के बाद दोबारा से स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनकी पार्टी को बड़ा झटका दिया है महासचिव पद से कुछ दिन पहले ही त्याग-पत्र देने के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी अलग पार्टी बनाने जा रहे हैं

जानकारी है की अगामी 22 फरवरी को अपने समर्थकों के साथ नए सियासी संगठन या पार्टी का घोषणा कर सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक रैली को संबोधित करेंगे यहां मौर्य राहुल गांधी की हिंदुस्तान जोड़ो इन्साफ यात्रा में भी शामिल होंगे

स्वामी प्रसाद मौर्य बनाएंगे अपनी नयी पार्टी

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, स्‍वामी प्रसाद मौर्य पिछले कई दिनों से बगावती तेवर अपनाए हुए थे राज्‍यसभा चुनाव के टिकट देने में PDA (पिछड़ा, दलित, अल्‍पसंख्‍यक) की उपेक्षा का इल्जाम लगा रहे थे इस सब के बाद मौर्य ने यह भी बोला था कि वह  सपा के कई नेताओं की बयानबाजी से परेशान हैं आज स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने लिए नया रास्‍ता चुन लिया

उन्‍होंने नयी पार्टी के गठन के साथ उसके झंडे की तस्‍वीर भी सोशल मीडिया पर साझा की, हालांकि मौर्य की इस नयी पार्टी में कौन-कौन शामिल होगा यह अभी तक साफ नहीं हुआ है

स्वामी प्रसाद मौर्य का सियासी सफर

बता दें, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा से अपने सियासी जीवन की आरंभ की थी वे बीएसपी गवर्नमेंट में मंत्री भी रह चुके हैं इसके बाद उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए और योगी गवर्नमेंट में मंत्री बने, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर पाला बदला और इस बार सपा का हाथ थामा

हालांकि विधानसभा चुनाव में उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा बावजूद इसके सपा ने उन्हें एमएलसी बनाया और पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य का सनातन, हिंदू और राम मंदिर और राम चरितमानस को लेकर लगातार विवादित बयानबाजी से सपा में ही उनका विरोध होने लगा जिसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से त्याग-पत्र दे दिया

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