पुंछ: हिरासत में लिए 3 नागरिकों की मौत पर उबली घाटी
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गुरुवार को आतंकी हमले में 3 सैनिक शहीद हो गए, जिसके बाद पूछताछ के लिए तीन नागरिकों को सेना ने हिरासत में लिया। अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई। अब पुलिस ने इस घटना पर मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद सेना ने न्यायालय ऑफ इंक्वॉयरी प्रारम्भ की है। मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सेना ने एक ब्रिगेडियर लेवल के अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया और 48 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन ऑफिसरों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। हिरासत में आम नागरिकों को यातना दिए जाने के इल्जाम लगे, जिसके बाद जनता का गुस्सा फूट पड़ा।
घात लगाकर किया था हमला
21 दिसंबर को पुंछ के सुरनकोट क्षेत्र में ढेरा की गली और बफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकियों ने सुरक्षा बलों के वाहनों पर घात लगाकर धावा किया था, जिसमें तीन सैनिक शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद सेना ने 27 से 42 वर्ष की उम्र के तीन आम नागरिकों को पूछताछ के लिए कथित तौर पर हिरासत में लिया। ये तीनों 22 दिसंबर को मृत पाए गए। कथित तौर पर उन्हें यातना दिए जाने से जुड़े कुछ वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर आए थे।
सूत्रों ने बोला कि अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए सेना ने यातना और उसके बाद तीन नागरिकों की मृत्यु की घटना की न्यायालय ऑफ इंक्वायरी प्रारम्भ कर दी है। सूत्रों ने बोला कि सुरनकोट क्षेत्र के प्रभारी ब्रिगेडियर स्तर के एक अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया गया और उस यूनिट के बाकी ऑफिसरों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
सूत्रों ने बोला कि पुलिस ने अज्ञात आरोपी सैन्यकर्मियों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के अनुसार मुद्दा दर्ज किया है। एक अधिकारी ने FIR के हवाले से बताया, ’21 दिसंबर को हुई आतंकवादी घटना के बाद, सेना के जवानों ने हमले के बाद फरार हुए आतंकियों की तलाश में बफलियाज के टोपा पीर में तलाशी ली। इस दौरान, सेना के जवानों ने पूछताछ के लिए कुछ क्षेत्रीय युवाओं को हिरासत में लिया, जिनमें शामिल सफीर अहमद, मोहम्मद शौकत और शब्बीर अहमद ने कथित तौर पर चोटों के कारण दम तोड़ दिया।’ उन्होंने कहा, यह आईपीसी की धारा 302 के अनुसार संज्ञेय क्राइम बनता है। चूंकि, तुरन्त मुद्दा विशेष प्रकृति का है। जांच प्रारम्भ होने पर विशेष रिपोर्ट अलग से पेश की जाएगी।