सिल्क्यारा टनल में 10 दिन से फंसे 41 मजदूरों की तस्वीरें आई सामने
पहली बार उत्तरकाशी की सिल्कयारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों की फोटोज़ सामने आई हैं। जिसमें मजदूर सुरंग में फंसे नजर आ रहे हैं। सोमवार को सुरंग के अंदर मलबे के बीच से छह इंच चौड़ी पाइपलाइन खोदी गई, जिसके जरिए बड़ी मात्रा में खाना भेजा गया, वहीं अंदर फंसे श्रमिकों की फोटोज़ भी देखी गईं। जिसमें देखा जा सकता है कि मजदूर टनल में किस हालात में रह रहे हैं। इस दौरान उनसे वॉकी-टॉकी के जरिए कई बातें भी की गईं।
सोमवार रात सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के लिए खिचड़ी और दाल से भरी 24 बोतलें भेजी गईं। 9 दिन में पहली बार मजदूरों को गर्म भोजन मिला। इसके अतिरिक्त संतरा, सेब और नींबू का जूस भी भेजा गया। आज मजदूरों के लिए दाल और अन्य खाद्य सामग्री भेजी जाएगी। अभी तक पाइप के जरिए मल्टी विटामिन, मुरमुरे और ड्राई फ्रूट्स ही भेजे जाते थे। यह खाना 6 इंच चौड़े पाइप के जरिए श्रमिकों तक पहुंचाया जाता था।
टनल से श्रमिकों को निकालने के लिए 5 प्लान बनाए गए हैं। फिलहाल एजेंसियां दो योजनाओं पर काम कर रही हैं। पहली अमेरिकी बरमा मशीन सुरंग के मलबे में 800-900 मिमी स्टील पाइप डालने का कोशिश कर रही है। ताकि इस पाइप के सहारे श्रमिकों को बाहर निकाला जा सके। ऑगर मशीन से 24 मीटर खुदाई भी की गई। लेकिन, मशीन खराब हो गयी। इसके बाद काम बंद हो गया। आज फिर ऑगर मशीन से ड्रिलिंग प्रारम्भ होने की आसार है।
दूसरी ओर वर्टिकल ड्रिल की भी योजना है। इसके लिए मशीन टनल के ऊपर पहुंच चुकी है। यह मशीन आज दोपहर से खुदाई प्रारम्भ कर देगी। इसे सुरंग के ऊपर से खोदा जाएगा, ताकि ऊपर से सीधे श्रमिकों को बाहर निकाला जा सके।
दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर स्थित सिल्क्यारा टनल केंद्र गवर्नमेंट की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर रोड’ परियोजना का हिस्सा है। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग 4.5 किमी लंबी है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। जिसके कारण मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए। इन्हें छुड़ाने के लिए 10 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। लेकिन अभी तक कोई खास कामयाबी नहीं मिली है।