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उपमुख्यमंत्री बनने के बाद से फडणवीस असहिष्णु और अहंकारी हो गए हैं: उद्धव ठाकरे

शिवसेना (यूबीटी) ने शनिवार को इल्जाम लगाया कि बीजेपी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनने के बाद से असहिष्णु और अहंकारी हो गए हैं फडणवीस पूर्व में राज्य के सीएम रह चुके हैं शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में दावा किया कि फडणवीस पहले सहिष्णु आदमी थे, लेकिन उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद हताशा में वह असहिष्णु और अहंकारी बन गए हैं सत्तारूढ़ बीजेपी ने मराठी दैनिक के संपादकीय में फडणवीस के विरुद्ध इस्तेमाल भाषा पर भी विरोध जताई है

‘सामना’ के संपादक शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे हैं, जबकि कार्यकारी संपादक के पद पर पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय राउत हैं बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बोला कि अपने सियासी विरोधियों की निंदा करते समय मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए

उन्होंने ‘सामना’ के विरुद्ध कम्पलेन दर्ज कराने की चेतावनी देते हुए बोला कि इसके द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले ‘अपशब्दों’ पर रोक लगाने की आवश्यकता है महाराष्ट्र में 2014 से 2019 तक भाजपा-शिवसेना गठबंधन की गवर्नमेंट थी और फडणवीस तब सीएम थे वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद सीएम पद साझा करने को लेकर दोनों पार्टियां अलग हो गईं

ठाकरे ने बाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर महा विकास आघाडी (एमवीए) की गवर्नमेंट बनाई एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 40 विधायकों के बगावत करने के बाद जून 2022 में एमवीए गवर्नमेंट गिर गई थी इसके बाद शिंदे राज्य के सीएम बने, जबकि फडणवीस को उप सीएम बनाया गया पिछले महीने राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार अपनी पार्टी के अन्य विधायकों के साथ शिंदे नीत गवर्नमेंट में शामिल हुए पवार को भी शिंदे नीत गवर्नमेंट में उपमुख्यमंत्री बनाया गया

‘सामना’ ने अपने संपादकीय में लिखा, “देवेंद्र फडणवीस ने यदि शिवसेना के साथ विश्वासघात नहीं किया होता, तो वह (2019 के विधानसभा चुनाव के बाद) सत्ता में लौटते हालांकि, दिल्ली में उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने उन्हें दरकिनार कर दिया और उन्हें उप सीएम बना दिया

संपादकीय में लिखा गया है, “फडणवीस पहले सहिष्णु थे, लेकिन उप सीएम बनाए जाने के बाद हताशा में असहिष्णु और अहंकारी बन गए हैं…उन्होंने (भाजपा ने) उन्हें अजित पवार के साथ उपमुख्यमंत्री पद साझा करने को कहा, जिससे उनका दुख और बढ़ गया

शिवसेना (यूबीटी) ने कहा, “यह फडणवीस थे, जिन्होंने कभी बोला था कि वह अजित पवार को कारावास भेजेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें सश्रम जेल की सजा मिले लेकिन अब उन्हीं अजित पवार के साथ सत्ता साझा करके फडणवीस वास्तव में क्या कर रहे हैं? ‘सामना’ने लिखा कि जिनपर करप्शन के गंभीर इल्जाम हैं और जो स्त्रियों पर हमले के आरोपों का सामना कर रहे हैं, वे अब फडणवीस के सहकर्मी है

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बावनकुले ने ‘सामना’ के संपादकीय में फडणवीस पर निशाना साधने को लेकर शिवसेना (यूबीटी) को आड़े हाथ लिया उन्होंने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए बोला कि सत्ता और पार्टी खोने के बाद वह होश गंवा बैठे हैं

नागपुर में संवाददाताओं से वार्ता में बावनकुले ने कहा, “जब भी शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे किसी की निंदा करना चाहते हैं, तो वे या तो दैनिक ‘सामना’ का इस्तेमाल करते हैं या फिर संजय राउत से बयान दिलवाते हैं” उन्होंने इल्जाम लगाया कि ठाकरे हताश और भ्रमित हैं बावनकुले ने कहा, “वह अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न तक खो चुके हैं वह पीड़ा में हैं, क्योंकि सत्ता में वापसी नहीं कर सकते हैं

उन्होंने दावा किया कि राकांपा के बीजेपी के साथ आने के बाद ठाकरे को अब अहसास हुआ है कि उन्होंने 2019 में फडणवीस के पीठ में छुरा घोंपकर गलती की है ‘सामना’ के संपादकीय की भाषा पर विरोध जताते हुए बीजेपी नेता ने कहा, “समाचारपत्र में सियासी विरोधियों की निंदा करने की सीमा होनी चाहिए हमारे नेता जल्द ही इसपर निर्णय लेंगे…मुंबई में प्रदर्शन जैसी स्थिति हो सकती है

उन्होंने कहा, “हम इस अखबार के अधिकार और कैसे वह (हमारे खिलाफ) इसका इस्तेमाल कर रहा है, इसपर करीबी नजर रखेंगे हम ‘सामना’ के विरुद्ध कम्पलेन दाखिल करेंगे ‘सामना’ द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे अपशब्दों पर रोक लगाने की जरूरत है हम स्थिति साफ करेंगे

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