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17 साल पुराने मामले में कारोबारी अक्षय कांति बम और उनके पिता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हुआ जारी

Arrest warrant against Akshay Bomb: इंदौर के एक सत्र कोर्ट ने मर्डर के कथित कोशिश के 17 वर्ष पुराने मुद्दे में क्षेत्रीय व्यवसायी अक्षय कांति बम और उनके पिता के विरुद्ध शुक्रवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया. बम, कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार के रूप में इंदौर लोकसभा सीट (Indore Lok Sabha seat) से अपना पर्चा वापस लेकर बीजेपी का दामन थामने के कारण चर्चा में हैं. दरअसल, बीजेपी में शामिल होने वाले बम की हालत को देखकर यही बोला जा सकता है कि माया मिली न राम.

लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने कहा कि बम और उनके पिता को मर्डर के कथित कोशिश के मुद्दे में सत्र कोर्ट के सामने हाजिर होना था, लेकिन उनके वकील ने न्यायालय में आवेदन पेश किया कि उनके पक्षकारों को पर्सनल उपस्थिति से छूट दी जाए.

पुलिस को दिए गिरफ्तारी के आदेश : राठौर ने कहा कि आवेदन में बोला गया कि बम ‘आवश्यक कार्य’ से शहर से बाहर हैं, जबकि उनके पिता की तबीयत खराब होने के चलते डॉक्टरों ने उन्हें आराम की राय दी है. उन्होंने कहा कि सत्र कोर्ट ने पिता-पुत्र का आवेदन खारिज करते हुए उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया और पुलिस को उन्हें अरैस्ट करके 8 जुलाई तक पेश करने का आदेश दिया.

लोक अभियोजक के मुताबिक, न्यायालय ने बोला कि दोनों आरोपियों को शुक्रवार को पेश होने का आदेश दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी वे मौजूद नहीं हुए और वे भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के मुद्दे में अभी जमानत पर नहीं हैं.

नहीं मिली थी अग्रिम जमानत : इससे पहले, सत्र कोर्ट ने मर्डर के कथित कोशिश के मुद्दे में बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत देने से तीन मई को इनकार कर दिया था. इंदौर के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) ने पीड़ित पक्ष की अर्जी पर बम और उनके पिता के विरुद्ध जमीन टकराव में 17 वर्ष पहले एक आदमी पर कथित हमले को लेकर दर्ज प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़े जाने का 24 अप्रैल को आदेश दिया था.

इस तरह बढ़ी बम की कठिन : जेएमएफसी ने पिता-पुत्र को सत्र कोर्ट के सामने 10 मई को पेश होने का आदेश भी दिया था. इस आदेश के महज 5 दिन बाद बम ने इंदौर के कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापस लेने का कदम उठाया था. जिस अर्जी पर बम की कानूनी मुश्किलें बढ़ी हैं, वह इंदौर से कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार के रूप में उनकी उम्मीदवारी घोषित होने के महज 13 दिन बाद 5 अप्रैल को दाखिल की गई थी. बम को 23 मार्च की देर रात घोषित सूची में कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार बनाया गया था.

2007 में हुई थी एफआईआर : पुलिस ऑफिसरों ने कहा कि बम, उनके पिता कांतिलाल और अन्य लोगों के विरुद्ध यूनुस पटेल नाम के आदमी पर 4 अक्टूबर 2007 को जमीन टकराव में हमले करने के इल्जाम में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्होंने कहा कि यह प्राथमिकी भारतीय दंड विधान की धारा 294 (गाली-गलौज), धारा 323 (मारपीट), धारा 506 (धमकाना) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के अनुसार दर्ज की गई थी.

पटेल का इल्जाम है कि घटना के दौरान एक सुरक्षा एजेंसी के संचालक सतवीर सिंह ने अक्षय के पिता कांतिलाल के कहने पर उन पर बंदूक से गोली भी दागी थी. गोलीबारी के आरोपी सतवीर सिंह की बाद में मृत्यु हो गई थी, जबकि मुद्दे के दो अन्य आरोपी सोहन उर्फ सोनू और मनोज पहले से फरार हैं.

 

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