प्रदर्शन के दौरान किसान ने प्रधानमंत्री मोदी को दी धमकी, कहा…
नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर पर जुटने के लिए पंजाब से किसान निकलकर शंभू बॉर्डर पर जुटे हैं। इस बीच प्रशासन उन्हें समझाने की, मनाने की, उनकी बात सुनने का कोशिश कर रहा है। किन्तु कुछ विद्रोही तत्व ऐसे हैं जिनका इरादा किसानों के भलाई की नहीं बल्कि अपने एजेंडे को अंजाम देने का है। शंभू बॉर्डर से एक कथित किसान का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वो पीएम मोदी को धमकी देता नजर आ रहा है।
ये वीडियो अजीत अंजुम के चैनल पर मौजूद है। वीडियो में 21:37 सेकेंड के बाद इस कथित किसान की धमकी को सुना जा सकता है। प्रदर्शन करने निकला ये ‘किसान’ कहता है- “यदि मोदी आया न वापस पंजाब तो उसे इस आँसू गैस के दर्शन कराएँगे वो टेंशन न लें। पिछली बार आया था न फिरोजपुर से भाग गया था। बहाना मारा था कि मैं बच के आ गया। इस बार आएगा तो बच के नहीं जाएगा।” बता दें कि पुरानी घटनाओं को देखते हुए एवं खुफिया रिपोर्ट्स के मद्देनजर आरम्भ से ही किसानों के इस आंदोलन पर और इसमें सम्मिलित अराजक तत्वों की मंशा पर प्रश्न उठ रहे हैं।
वही इससे पहले एक यूट्यूब चैनल सत्य समाचार ने 12 फरवरी को एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में कुछ सिख खालिस्तान की माँग करते नजर आ रहे हैं। उनमें से एक सिख ने कहा, “हम सिंघु बॉर्डर पर खड़े हैं, जहाँ तुम लोगों ने बैरिकेड लगा रखे हैं। एक काम करो: हरियाणा के बॉर्डर को हमेशा के लिए बंद कर दो। हम पाक के साथ सीमा खोलेंगे। तुम लोगों ने हमें हिंदुस्तान से अलग किया तो अब अलग ही हो जाते हैं।” तत्पश्चात, इन लोगों ने केंद्र की मोदी गवर्नमेंट पर भी धावा बोला। उस कथित किसान ने आगे कहा, “मोदी गवर्नमेंट पंजाब को अपना नहीं समझती है। यदि वो पंजाब को अपना नहीं समझते हैं तो हमें अलग हो जाने दो। हमें अपना राष्ट्र खालिस्तान बनाने दो। हम पाक के साथ जुड़ जाएँगे। हमने दीवारें नहीं बनाईं, तुमने बनाईं। तुमने हमें हिंदुस्तान से अलग कर दिया है। अब हम खालिस्तान बनाएँगे।”
किसान आंदोलन में इस प्रकार के बयान आने से पहले ट्रैक्टर पर भिंडरावाले की फोटो वाला झंडा भी देखा गया था तथा अब खुलेआम पीएम मोदी को धमकी दी जाने लगी है। धमकी में जिस पंजाब की घटना का जिक्र है वो 5 जनवरी 2022 की है। उस वक़्त प्रधानमंत्री मोदी का विमान बठिंडा में लैंड हुआ था, जहाँ से उन्हें हैलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित ‘नेशनल मार्टियर्स मेमोरियल’ जाना था। वहाँ उन्हें ‘राष्ट्रीय शहीदी स्मारक’ में बलिदानी क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करनी थी। बारिश एवं विजिबिलिटी कम होने की वजह से उन्हें मौसम के ठीक होने के लिए 20 मिनट तक प्रतीक्षा करनी पड़ी। जब मौसम ठीक नहीं हुआ तो निर्णय लिया गया कि सड़क मार्ग से ही पीएम हुसैनीवाला तक का यात्रा तय करेंगे। जब पीएम का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुँचा तो वहाँ पता चला कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने मार्ग जाम कर के रखा हुआ था।
हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर दूर पीएम मोदी का काफिला फँसा रहा। तकरीबन 15-20 मिनट तक पीएम मोदी वहाँ फँसे रहे। यह पीएम की सुरक्षा में एक बड़ी सेंध था। सड़क मार्ग से पीएम नरेंद्र मोदी की यात्रा दो घंटे में तय होनी थी, जिसके लिए पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (DGP) को जरूरी प्रबंधन करने के निर्देश दे दिए गए थे।