CAA को ‘एंटी मुस्लिम’ कानून बताए जानें पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा…
Amit Shah on CAA: केंद्रीय गृह मंत्री ने नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) को लेकर केंद्र गवर्नमेंट का रुख साफ करते हुए साफ शब्दों में बोला है कि इसे कभी भी वापस नहीं लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने इस दौरान अखंड हिंदुस्तान का भी जिक्र किया है। अमित शाह ने कहा, ”सीएए कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे राष्ट्र में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना ये हिंदुस्तान का विषय है और हिंदुस्तान की संप्रभुता का फैसला है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे।‘ इस दौरान राष्ट्र के अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमान समुदाय को भी संदेश दिया है।
सीएए की अधिसूचना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “सीएए से इस राष्ट्र के अल्पसंख्यकों या किसी और आदमी को डरने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि CAA में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है। सीएए केवल और केवल तीन देश, अफगानिस्तान, पाक और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है।”
अखंड हिंदुस्तान के लोगों को देंगे नागरिकता
शाह ने आगे कहा, “अखंड हिंदुस्तान का जो हिस्सा थे और जिन पर धार्मिक प्रताड़ना हुई है उन्हें शरण देना मैं मानता हूं हमारी नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है। जब विभाजन हुआ तब पाक में 23% सिख और हिंदू थे। आज वहां केवल 3.7% बच गए हैं। वे यहां तो नहीं आए। उनका धर्म बदलाव किया गया, उन्हें अपमानित किया गया, दोयम दर्जे के नागरिक के नाते उन्हें रखा गया। ये लोग कहां जाएंगे? क्या राष्ट्र की संसद इसका विचार नहीं करेगी? यदि मैं बांग्लादेश की बात करूं तो 1951 में वहां हिंदू जनसंख्या 22% थी लेकिन अब आंकड़ों के अनुसार 2011 में हिंदू जनसंख्या घटकर 10% रह गई है, वे कहां गए?”
एंटी मुसलमान कानून बताने पर भी भड़के
अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा CAA को ‘एंटी मुस्लिम’ कानून बताए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “आप इस कानून को अलग करके नहीं देख सकते। 1947 को धर्म के आधार पर विभाजन हुआ था। उस समय कांग्रेस पार्टी नेताओं ने बोला था कि अभी अत्याचार चल रही है, आप जहां हैं वह रह जाइए, बाद में आप जब भी हिंदुस्तान में आएंगे आपका स्वागत है। लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस पार्टी ने कभी अपना वादा पूरा नहीं किया।”
विपक्ष के आरोपों का भी दिया जवाब
विपक्ष ने इल्जाम लगाया है कि बीजेपी सीएए के जरिए नया वोट बैंक बना रही है। इस इल्जाम पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है, उन्होंने यहां तक बोला कि सर्जिकल हड़ताल और एयर हड़ताल में सियासी लाभ है, तो क्या हमें आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी बोला कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे सियासी लाभ के लिए था। हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे। उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, पीएम मोदी का इतिहास है कि जो भी बीजेपी ने बोला है, नरेंद्र मोदी ने जो बोला है, वह पत्थर की लकीर है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की हर गारंटी पूरी होती है।”
अपना आपा खो बैठे हैं केजरीवाल: शाह
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के ‘शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और दुष्कर्म बढ़ेंगे’ वाले बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “दिल्ली के सीएम अपने करप्शन के खुलासा होने से अपना आपा खो बैठे हैं। उन्हें पता नहीं है कि ये लोग हिंदुस्तान में आ चुके हैं और हिंदुस्तान में रह रहे हैं। यदि उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। वे विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए।”
मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन का अधिकार
CAA अधिसूचना और उसके प्रावधानों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है। किसी के लिए रास्ता बंद नहीं है। यह विशेष अधिनियम इसलिए बनाया गया है क्योंकि ये बिना किसी दस्तावेज़ के आए हैं । जिनके पास डॉक्यूमेंट्स नहीं है उनके लिए हम कोई रास्ता ढूढेंगे लेकिन जिनके पास डॉक्यूमेंट्स है वे अमूमन 85% से अधिक है। कोई समय सीमा नहीं है। आराम से समय लेकर आवेदन किया जा सकता है, हिंदुस्तान गवर्नमेंट आपके मौजूद समय के मुताबिक इंटरव्यू के लिए आपको कॉल करेगी। गवर्नमेंट आपको दस्तावेज़ के ऑडिट के लिए बुलाएगी और आमने-सामने इंटरव्यू किया जाएगा। वे सभी लोग जिन्होंने 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 2014 के बीच हिंदुस्तान में प्रवेश किया है उनका यहां स्वागत है।”
राहुल और ओवैसी को भी दिया जवाब
विपक्षी पार्टियों द्वारा CAA की अधिसूचना की टाइमिंग पर विपक्ष द्वारा प्रश्न उठाए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “सारे विपक्षी दल, चाहे असदुद्दीन ओवैसी हों, राहुल गांधी, ममता बनर्जी हों या केजरीवाल हों ये लोग असत्य की राजनीति कर रहे हैं इसलिए टाइमिंग का महत्व नहीं है। बीजेपी ने 2019 में अपने घोषणापत्र में बोला था कि हम CAA लाएंगे और अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाक से आए शरणार्थियों को नागरिकता देंगे। 2019 में ही यह बिल संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया था। कोविड-19 के कारण थोड़ी देर हुई। विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति कर वोट बैंक को मजबूत करना चाहते हैं। वे बेनकाब हो चुके हैं और राष्ट्र की जनता जानती है कि CAA इस राष्ट्र का कानून है। मैं 4 वर्ष में कम से कम मैं 41 बार बोल चुका हूं कि CAA लागू होगा और चुनाव से पहले होगा । ”