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संदेशखाली मामलों में अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई

सुप्रीम न्यायालय संदेशखाली में जमीन हड़पने और जबरन वसूली के मामलों की न्यायालय की नज़र में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच के विरुद्ध पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट की याचिका के पर सोमवार को सुनवाई करेगा.

शीर्ष न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित विवरण के अनुसार, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ 29 अप्रैल को राज्य गवर्नमेंट की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करेगी.

अप्रैल के दूसरे हफ्ते में पारित एक आदेश में, कलकत्ता हाई कोर्ट ने CBI को उस उद्देश्य के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाकर मुद्दे में जांच प्रारम्भ करने का निर्देश दिया.

हाई न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने जांच एजेंसी से उसे एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा, जिसके बाद न्यायालय आगे की कार्रवाई पर निर्णय करेगा.

इसने CBI को एक अलग पोर्टल और ईमेल खोलने का निर्देश दिया, जिस पर संदेशखाली के पीड़ित भूमि हड़पने और जबरन वसूली से संबंधित अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें. न्यायालय ने केंद्रीय एजेंसी को शिकायतकर्ताओं की पहचान के संबंध में पूर्ण गोपनीयता बनाए रखने का भी आदेश दिया था.

संदेशखाली में जमीन हड़पने और जबरन वसूली के संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट के समक्ष कई जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दाखिल की गईं. इनमें मुख्य आरोपी सत्तारूढ़ दल का निलंबित नेता शेख शाहजहां और उसके नेतृत्व में क्षेत्रीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी नेताओं का एक वर्ग है.

इससे पहले मार्च में, उच्चतम न्यायालय ने 5 जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय और सीएपीएफ टीमों पर हमले की CBI जांच को चुनौती देने वाली राज्य गवर्नमेंट की याचिका खारिज कर दी थी.

हालांकि, उसने कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्णय में पश्चिम बंगाल पुलिस और राज्य गवर्नमेंट के विरुद्ध की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने का आदेश दिया था.

 

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