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रामनवमी पर हिंसा को लेकर भड़की ममता, EC को कहा…

रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रैली के दौरान अत्याचार को लेकर तृण मूल काँग्रेस और भाजपा में ठन गई है. सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को इल्जाम लगाया कि रामनवमी से दो दिन पहले चुनाव आयोग ने बीजेपी के कहने पर मुर्शिदाबाद के डीआईजी को हटाया गया. तृण मूल काँग्रेस अध्यक्ष का दावा है कि बीजेपी ने अत्याचार की योजना बनाई है. ममता ने चुनाव आयोग को “भाजपा आयोग” कहकर संबोधित किया. उधर, बीजेपी ने हिंसा के खिलाफ एनआईए जांच की मांग की है.

गुरुवार को ममता बनर्जी ने कहा, “हिंसा पूर्व नियोजित थी. परसों (मंगलवार) इसी स्थान पर भाजपा के एक विधायक ने उत्पात मचाया. वह कल रामनवमी रैली में हथियार क्यों ले जा रहे थे? मैं ‘भाजपा आयोग’ से पूछना चाहती हूं कि रामनवमी से ठीक पहले डीआइजी को क्यों हटाया गया? क्या यह भाजपा की सहायता के लिए किया गया था?”  चूंकि मुर्शिदाबाद से बीजेपी के दो विधायक हैं, इसलिए यह साफ नहीं हो पाया कि सीएम किसका जिक्र कर रहीं थी.

ममता के मुताबिक, “17  अप्रैल को हुई हिंसा में 29 लोग घायल हो गए. प्रभारी अधिकारी को सिर में चोट लगी. एक विशेष समुदाय के लोगों पर धावा किया गया.

एनआईए जांच की मांग
भाजपा के सुवेंदु अधिकारी ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट किया, “मैंने माननीय गवर्नर को एक पत्र लिखा है. डाक्टर सी वी आनंद बोस को रामनवमी के अवसर पर निकाले गए जुलूसों पर हुए हमलों के संबंध में अवगत कराते हुए उनसे निवेदन किया कि वे बिगड़ती कानून प्रबंध की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करें, साथ ही घटनाओं की एनआईए से जांच करवाएं.

रामनवमी से पहले अलीपुरद्वार रैली से चुनाव आयोग को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने बोला था, “आप पुलिस ऑफिसरों को चुनिंदा ढंग से हटा रहे हैं. आपने आज भाजपा के निर्देश पर मुर्शिदाबाद रेंज के DIG को हटा दिया. दंगे हुए तो चुनाव आयोग उत्तरदायी होगा. आप (EC) अब मेरी बात नहीं सुन रहे हैं. आप पुलिस प्रशासन चला रहे हैं.

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