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दिल्ली एनसीआर के रहने वाले हैं तो बैसाखी के मौके पर टेकें मत्था

Famous Gurudwara in Delhi NCR : बैसाखी सिख धर्म का प्रमुख पर्व है. इसे सिख धर्म के नववर्ष के तौर पर मनाया जाता है. वैशाख माह में रबी की फसल की कटाई होती है. किसान अच्छी फसल के लिए ईश्वर का आभार देते हैं और बैसाखी मनाते हैं. इस त्योहार का उत्साह सबसे अधिक हरियाणा, पंजाब और आसपास के राज्यों और शहरों में देखने को मिलता है.

इस बार बैसाखी 13 अप्रैल 2024 को मनाया जा रही है. बैसाखी के मौके पर लोग गुरुद्वारा जाते हैं और पाठ और सेवा की जाती है. कीर्तन और लंगर के आयोजन होते हैं. अगर आप दिल्ली एनसीआर के रहने वाले हैं तो बैसाखी के मौके पर मशहूर और ऐतिहासिक गुरुद्वारे में मत्था टेकने जा सकते हैं.


गुरुद्वारा बंगला साहिब

बंगला साहिब दिल्ली के सबसे मशहूर गुरुद्वारा की लिस्ट से सबसे ऊपर आता है. मान्यता है कि बंगला साहिब गुरुद्वारा जयपुर के महाराज जय सिंह का बंगला हुआ करता था. इस बंगले में आठवें गुरु हर किशन सिंह रहते थे. बाद में इसे गुरुद्वारे में परिवर्तित कर दिया गया. गुरुद्वारा बंगला साहिब पूरे 24 घंटे संचालित होता है और वर्ष भर यहां लंगर चलता है.


 

गुरुद्वारा शीशगंज साहिब

शीशगंज साहिब गुरुद्वारा पुरानी दिल्ली में स्थित है. 1783 में पंजाब छावनी के सेना जनरल रहे बघेल सिंह ने इस गुरुद्वारे का निर्माण कराया था. सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर ने जब इस्लाम धर्म कबूलने से इनकार किया था तो मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर उनका हत्या करा दिया गया. यह गुरुद्वारा गुरु तेज बहादुर की वीरगति की याद में बनाया गया था.


गुरुद्वारा बाबा बंदा सिंह बहादुर

दिल्ली के कुतुब मीनार के पास महरौली में बाबा बंदा सिंह बहादुर गुरुद्वारा स्थित है. 1719 में मुगलों ने बाबा बंदा सिंह बहादुर और उनके बेटों सहित 40 अन्य सिखों को बेदर्दी से मार दिया था. उनकी बहादुरी और वीरगति की याद में इस गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया. हर वर्ष बैसाखी के दौरान यहां मेला लगता है.


गुरुद्वारा माता सुंदरीदिल्ली में गुरुद्वारा माता सुंदरी भी काफी चर्चित है. इस गुरुद्वारे का नाम गुरु गोबिंद सिंह की पत्नी के नाम पर रखा गया है. जब गुरु गोबिंद सिंह का मृत्यु हुआ तो उसके बाद करीब 40 सालों तक माता सुंदरी ने सिखों का नेतृत्व किया. इस कारण सिख धर्म अनुयायी उन्हें गुरु मानते थे और उनकी याद में इस स्थल को गुरुद्वारा बनाया गया.


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