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कांग्रेस को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भेजा 1700 करोड़ का नोटिस

कांग्रेस के लिए बीते गुरुवार दिन कुछ खास अच्छा नहीं रहा. पार्टी की पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी, इसके बाद आज आयकर डिपार्टमेंट ने 1700 करोड़ का नोटिस दे दिया है. इसी के साथ कांग्रेस पार्टी की कठिन लोकसभा चुनाव के मद्देजनर बढ़ गई हैं. आयकर डिपार्टमेंट की नयी डिमांड नोटिस 2017-18 से लेकर 2020-21 के लिए है. इसमें विभाग की तरफ से जुर्माना और ब्याज दोनों शामिल है. जानकारी के मुताबिक, ये राशि अभी बढ़ सकती है. आयकर डिपार्टमेंट 2021-22 से लेकर 2024-25 की इनकम का रीवैल्यूएशन का प्रतीक्षा कर रही है. इसकी कटऑफ तारीख रविवार को पूरी हो जाएगी.

हाईकोर्ट ने याचिकाओं को खारिज

गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस पार्टी की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें आयकर के ऑफिसरों द्वारा उसके विरुद्ध 4 वर्ष की अवधि के लिए कर रीवैल्यूएशन कार्यवाही प्रारम्भ किए जाने को चुनौती दी गई थी. जस्टिस यशवन्त वर्मा और जस्टिस पुरुषेन्द्र कुमार कौरव की बेंच ने बोला कि अन्य साल के लिए रीवैल्यूएशन प्रारम्भ करने में हस्तक्षेप से इनकार करने के पहले के निर्णय के मुताबिक याचिकाएं खारिज की जाती हैं. मौजूदा मुद्दा साल 2017 से 2021 तक के वैल्यूएशन से संबंधित है. पिछले सप्ताह खारिज की गई अन्य याचिका में कांग्रेस पार्टी ने 2014-15 से 2016-17 वैल्यूएशन साल से संबंधित रीवैल्यूएशन कार्यवाही प्रारम्भ किए जाने को चुनौती दी थी.

इनकम टैक्स के पास पर्याप्त और ठोस सबूत 

हाईकोर्ट ने 22 मार्च को उन दलीलों को खारिज करते हुए बोला था कि आयकर विभाग ने प्रथम दृष्टया “पर्याप्त और ठोस” सबूत एकत्र किए हैं, जिनकी आगे की जांच की आवश्यकता है. हालांकि, इससे प्रश्न उठा था कि क्या कार्यवाही प्रारम्भ होने में देरी वैल्यूएशन के लिए घातक होगी. उस याचिका में, कांग्रेस पार्टी ने अपनी सफाई में बोला था कि इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 153 सी (किसी अन्य आदमी की आय का आकलन) के अनुसार कार्रवाई उन पड़तालों पर आधारित थी जो अप्रैल, 2019 में 4 लोगों पर की गई थी और यह एक निश्चित समय सीमा से परे थी.

100 करोड़ टैक्स की मांग

हाल ही में, उच्च न्यायालय ने 100 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया टैक्स वसूली के लिए आयकर डिपार्टमेंट द्वारा कांग्रेस पार्टी को जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाने से इनकार करते हुए इनकम टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण (Income Tax Appellate Tribunal) के आदेश में हस्तक्षेप करने से भी इंकार कर दिया था. आयकर के आकलन अधिकारी ने साल 2018-19 के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स की मांग की थी, जब पार्टी की इनकम 199 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई थी.

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