आज राजस्थान में होने वाले पहले चरण के मतदान में ज़रूर डालें अपना वोट
लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों को लेकर राजस्थान में राजनीतिक पारा गरमा गया है। 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान गुरुवार को खत्म हो गया. ऐसे में प्रचार के अंतिम दिन सभी प्रत्याशियों समेत उनके समर्थन में आये सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत झोंक दी। कांग्रेस पार्टी पार्टी के स्टार प्रचारक पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी गुरुवार को ‘तूफानी’ चुनावी दौरा किया। उन्होंने एक ही दिन तीन लोकसभा सीटों पर मतदान किया और संबंधित क्षेत्रों के उम्मीदवारों के लिए वोट की अपील की. उनके चुनावी दौरे में बाड़मेर-जैसलमेर, नागौर और सीकर लोकसभा सीटें शामिल थीं।
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां ज्यादातर राज्यों में लगभग पूरी हो चुकी हैं. पहले चरण के अनुसार 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इतने दिनों तक जनता से वादे करने वाले प्रत्याशियों की किस्मत एवीएम मशीन में कैद हो जायेगी। नतीजों के बाद पता चलेगा कि मतदाताओं ने किस पर भरोसा किया और किसके वादों को नजरअंदाज किया। राजस्थान की बारह सीटों पर कल वोट डाले जायेंगे। इनमें से ज्यादातर सीटों पर कांटे की भिड़न्त होने की आशा है।
19 अप्रैल को पहले चरण में बारह सीटों पर मतदान होगा। इसमें श्रीगंगानर, बीकानेर, चूरू, नागौर, झुंझुनू, सीकर, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, दौसा, करौली-धौलपुर शामिल हैं. इन सभी सीटों के इतिहास की बात करें तो इनमें से ज्यादातर पर भाजपा का कब्जा है। इस बार इनमें से अधिकांश सीटों पर चुनाव होने की आशा है। कोई राम मंदिर के नाम पर वोट मांगता नजर आया तो कोई जातीय समीकरण का सहारा लिया।
ऐसा है राजधानी का हाल
इस बार भाजपा ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में अपने कद्दावर नेता भंवरलाल शर्मा की बेटी मंजू शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस पार्टी से पहले उम्मीदवार थे सुनील शर्मा। लेकिन एक पुराना वीडियो वायरल होने के कारण उन्होंने टिकट वापस कर दिया और उनकी स्थान प्रताप सिंह खाचरियावास को उम्मीदवार बनाया गया। इस टकराव से कांग्रेस पार्टी को पहले ही हानि हो चुका है। ऐसे में आशा है कि भाजपा इस सीट पर जीत हासिल करेगी।
मंच पर नहीं दिखे प्रत्याशी नागौर
तीन लोकसभा क्षेत्रों के लिए चुनावी दौरे पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नागौर दौरा चर्चा में है। दरअसल, वह यहां आरएलपी-इंडिया गठबंधन प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के समर्थन में वोट मांगने पहुंचे थे. आशा थी कि इस जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल मंच साझा करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बेनीवाल को छोड़कर सभी नेता मौजूद
गहलोत की मौजूदगी में कांग्रेस, आरएलपी और इण्डिया अलायंस के एक दर्जन से अधिक नेता मंच पर दिखे। लेकिन जिस प्रत्याशी के समर्थन में सभा थी, वह मंच से गायब थे। इस मौके पर सभा स्थल और फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे लेकर चर्चा हुई। मंच पर लगे पोस्टर पर प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल की तस्वीर दिखी। गहलोत के अतिरिक्त पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल, पूर्व उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, मकराना विधायक जाकिर हुसैन गैसावत, नागौर विधायक हरेंद्र मिर्धा, पूर्व विधायक मंजू मेघवाल, चेतन चौधरी, नारायण बेनीवाल, सोना बावरी, पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ समेत कई वरिष्ठ नेता पूर्व प्रधान रिद्धकरण लोमरोड़ सहित कांग्रेस पार्टी और आरएलपी के लोग उपस्थित रहे.
हालांकि गहलोत की मौजूदगी में मंच पर प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल उपस्थित नहीं थे, लेकिन उनके भाई और पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने उनका अगुवाई जरूर किया। नारायण ने सभी मेहमान नेताओं का स्वागत भी किया।
हनुमान बेनीवाल प्रचार में जुटे थे गहलोत के साथ मंच साझा नहीं करने के पीछे वजह यह है कि हनुमान बेनीवाल कहीं और चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। उन्होंने परबतसर विधानसभा क्षेत्र में क्षेत्रीय विधायक रामनिवास गावड़िया और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के वरिष्ठ नेता लच्छाराम बडारदा के साथ कई इलाकों में प्रचार किया। जानकारी के मुताबिक, बेनीवाल ने गहलोत के नागौर दौरे के दिन ही जावला से जनसंपर्क प्रारम्भ कर दिया था। उन्होंने बीठवालिया, कुराड़ा, गुलेर, हरनावा, बडू, भादवा, जंजीला, ललाना कलां, चिताई, हुलधाणी, खिदरपुरा, किनसरिया, बिदियाद, खोखर, रुनिजा, गंगवा, गुढ़ा, मंगलाना, मंडावरा, नारायणपुरा, पलाड़ा, मिठड़ी, लिचाणा का भी दौरा किया. पदमपुरा- सरगोठ, जसराना, रसाल, आनंदपुरा और अंत में परबतसर शहर में भी जनसंपर्क किया.