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माउंट आबू आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद आबू की रबड़ी

राजस्थान के मशहूर हिल स्टेशन माउंट आबू घूमने आए या फिर ट्रेन में यात्रा के दौरान आबू रोड रेलवे स्टेशन पर रुके तो सबसे पहले मन मे आबू की रबड़ी का ख्याल आता है यहां की रबड़ी का नाम सुनते ही इसकी मिठास और लच्छेदार बनावट दिमाग में आती है अपनी रेसिपी और स्वाद के लिए जानी जाने वाली आबू की रबड़ी की डिमांड लगातार बढ़ रही है सही दूध में बनने वाली ये मिठाई रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के अतिरिक्त माउंट आबू, माउंट रोड, नेशनल हाईवे समेत शहर के मुख्य बाजार में करीब 100 से अधिक दुकानों पर बिक रही है जहां रोजाना करीब 900- 1000 किलो के आसपास रबड़ी बिकती है यहां की रबड़ी का टर्नओवर करोड़ो में है

आबू रबड़ी का इतिहास करीब 1968 से है आबूरोड की सबसे फेमस और पुरानी रबड़ी की दुकानों में से एक सांवलभाई रबड़ी किंग दुकान के मालिक मुरली भम्भाणी बताते है कि उनके पिता ने 1968 रबड़ी की दुकान प्रारम्भ की थी, जो इतनी फेमस हुई कि अब उनकी 3 ब्रांच हैं धीरे-धीरे लोगों को यहां की रबड़ी का स्वाद इस कदर पसंद आया कि यहां की रबड़ी देशभर में फेमस हो गई रबड़ी की डिमांड बढ़ने के बाद क्षेत्रीय कारिगरों ने भी इसकी रेसिपी सीखकर कामकाज प्रारम्भ किया शहर में करीब 70 दुकानों और रेस्टोरेंट में रबड़ी की बिक्री होती है वहीं, माउंट आबू और तलहटी में भी उनकी दुकानें हैं इसकी सबसे अधिक डिमांड रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर है

ये है रबड़ी बनाने की रेसिपी
रबड़ी तैयार करने के लिए फेट वाले दूध इस्तेमाल किया जाता है, ताकि रबड़ी की मलाई अधिक बनें सबसे पहले दूध को एक बड़ी कढ़ाई में लेकर मामूली आंच पर बत्ती पर पकाया जाता है दूध के उपबलते समय ऊपर बनने वाली मलाई को चम्मच से कढ़ाई के किनारों पर लगाया जाता है जब दूध एक चौथाई के करीब बचता है तब उसमें शक्कर डाली जाती है करीब 10 लीटर मलाई निकालने के बाद 2.50 लीटर के करीब दूध बचता है इसमें 350-400 ग्राम स्वाद के अनुसार शक्कर डाली जाती है इसके बाद किनारों से मलाई को दूध में फेंट कर अच्छी ढंग से मिक्स किया जाता है इसके बाद इसमें स्वाद बढ़ाने के लिए इलायची, पिस्ता और केसर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है

450 रुपए किलो तक बिकती है रबड़ी
यहां तैयार होने वाली रबड़ी क्वालिटी के मुताबिक 250 से 450 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिकती है इसके लिए पैकेज्ड दूध या आसपास के गांवों से लाया गया दूध भी इस्तेमाल किया जाता है रबड़ी के इस कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सैकड़ों परिवारों का रोजगार जुड़ा हुआ है पर्यटकों के अतिरिक्त त्योहारों और विवाह कार्यक्रम में भी रबड़ी की डिमांड रहती है

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