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नौ अप्रैल से वासंतिक नवरात्र की शुरुआत, 17 अप्रैल को धूमधाम से मनेगी रामनवमी

बोकारो, सुनील तिवारी-संवत्सर का प्रथम दिन चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा मंगलवार 09 अप्रैल 2024 को है इस दिन श्री ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इन दिन को सनातनधर्मी महाउत्सव के रूप में मानते हैं इस दिन ही जो वार पड़ता है, उसी को इस साल का राजा मानते हैं इस साल प्रतिपदा मंगलवार को होने से राजा मंगल होंगे 09 अप्रैल 2024 को कलश स्थापना के साथ चैत्र नवरात्रि का अनुष्ठान भी प्रारम्भ होगा चैत्र नवरात्र में भगवती के साथ गौरी का भी दर्शन पूजन रोजाना क्रमानुसार किया जायेगा इसी नवरात्र के बीच चैती छठ का पर्व 14 अप्रैल रविवार को मनाया जायेगा छठ पर्व 12 अप्रैल को नहाय-खाय के साथ प्रारम्भ होगा

सूर्य संक्रांति 13 अप्रैल दिन शनिवार को रात्रि 11:19 बजे
नवरात्र में अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि की सूर्य संक्रांति 13 अप्रैल दिन शनिवार को रात्रि 11:19 बजे आयेगी इसी को सत्तू संक्रांति या सतुवा संक्रांति भी कहते हैं इसी के साथ खरमास खत्म हो जायेगा संक्रांति के दिन जो दिन पड़ते हैं, वह इस साल का मंत्री होते हैं इस साल का मंत्री शनि होंगे

घर-घर की जाने वाली नवमी की पूजा भी 16 अप्रैल को
महाअष्टमी का व्रत 16 अप्रैल मंगलवार को होगा घर-घर की जाने वाली नवमी की पूजा भी 16 अप्रैल मंगलवार को ही की जायेगी इसे भवानी उत्पत्ति के साथ बसियाउरा के रूप में भी मानते हैं महानवमी का व्रत 17 अप्रैल बुधवार को होगा मतलब, रामनवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जायेगा

पूर्ण नवरात्रि अनुष्ठान व्रत का पारण दशमी तिथि में 18 को
श्रीराम मंदिर सेक्टर वन के ज्योतिषाचार्य पंडित शिव कुमार शास्त्री ने शुक्रवार को कहा : नवरात्र व्रत के समापन के साथ समापन से संबंधित पूजन-हवन नवमी तिथि पर्यंत 17 अप्रैल बुधवार को शाम 5:22 तक किया जायेगा पूर्ण नवरात्रि अनुष्ठान व्रत की पारण दशमी तिथि में 18 अप्रैल गुरुवार को है

वासंतिक नवरात्र-2024 का कार्यक्रम
कार्यक्रम दिनांक
कलश स्थापना 09 अप्रैल
मेष संक्रांति, सतुआन 13 अप्रैल
चैती छठ नहाय-खाय 12 अप्रैल
छठ का खरना 13 अप्रैल
चैती छठ व्रत 14 अप्रैल
महाअष्टमी व्रत 16 अप्रैल
महानवमी व्रत 17 अप्रैल
दशमी और व्रत पारण 18 अप्रैल

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