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जानें, ईसा मसीह को जिस दिन सूली पर चढ़ाया उसे क्यों कहा जाता है गुड फ्राइडे

इस साल गुड फ्राइडे 29 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है. यह इसाई धर्म से जुड़ा प्रमुख दिन है. इस दिन प्रभु ईशु के बलिदान को याद किया जाता है. रोम के शासक पिलातुस ने ईसा मसीह को मृत्युदंड का फरमान सुनाते हुए कांटों का ताज पहनाया और चाबुक से मारा. बाद में उन्हें कीलों की सहायता से सूली पर लटका दिया गया. इस कारण इस दिन को ब्लैक डे भी बोला जाता है. हालांकि ईसा मसीह के मृत्यु के दिन में ऐसा क्या खास है, जो इसे गुड फ्राइडे के नाम से जाना जाता है.

गुड फ्राइडे कब मनाया जाता है?

मान्यता है कि जिस दिन इशू को सूली पर चढ़ाया गया और उनकी मृत्यु हुई, उस दिन फ्राइडे था. ईसाई समुदाय का पर्व गुड फ्राइडे ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को होता है. इस बार गुड फ्राइडे 29 मार्च को मनाया जा रहा है.

गुड फ्राइडे का इतिहास 

मान्यता है कि लगभग दो हजार वर्ष पहले यरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा मसीह नाम के संत हुआ करते थे, जो लोगों को एकता, अंहिसा और इन्सानियत का उपदेश दिया करते थे. लोग उन्हें ईश्वर मानने लगे. लेकिन कुछ लोग ईसा मसीह से चिढ़ते थे. ऐसे लोग धार्मिक अंधविश्वास को फैलाने में विश्वास रखते थे. रोम के शासक पिलातुस स्वयं को ईश्वर का पुत्र बताते थे.

जब ईसा मसीह पर धर्म अवमानना और राजद्रोह का इल्जाम लगा तो रोम शासक ने उन्हें मौत दंड का फरमान सुनाकर बुरी तरह यातनाएं दी और कीलों की सहायता से सूली पर लटका दिया. बाइबल के मुताबिक, जिस सूली पर ईसा मसीह को चढ़ाया गया था, उसे गोल गाथा कहा जाता है.

इस दिन को गुड फ्राइडे क्यों बोला जाता है?

इस दिन में ऐसा क्या अच्छा था, जो इसे गुड फ्राइडे बोला जाता है. कहते हैं कि यीशु के सूली चढ़ने के समय को ‘गुड’ इसलिए कहते हैं, क्योंकि पुरानी अंग्रेजी में ‘होली’ यानी पवित्र बोला जाता है. स्लेट के अनुसार, ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में ईस्टर से पहले वाले बुधवार को ‘गुड वेडनेसडे’ बोला जाता था. आमतौर पर अब ये ‘होली वेडनेसडे’ के नाम से जाना जाता है. इसी तरह गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे के रूप में संदर्भित किया जाता है. हालांकि इस दिन को ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी बोला जाता है.

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