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घर की इस दिशा में रखें दर्पण, लक्ष्मीजी की बनी रहेगी कृपा

अक्सर आप देखते होंगे कि अनेक मेहनत के बावजूद घर में तरक्की नहीं हो रही है. आप चाहे कितनी भी मेहनत कर लें लेकिन घर में बरकत नहीं रहती है. आइए यहां हम आपको बताते हैं इसके पीछे के कारण…वास्तुशास्त्र से इसका कनेक्शन…

परिवार में सुख-समृद्धि की चाहत हर कोई रखता है लेकिन लोग छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं. यह अज्ञानता अक्सर अनेक कोशिशों के बावजूद सुख-समृद्धि से वंचित कर देती है. देवी लक्ष्मी की कृपा आपको नहीं मिल पाती है इसलिए आपको उन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना चाहिए जिन्हें हम सभी आमतौर पर नजरअंदाज कर देते हैं. आइए जानें वे कौन से बिंदु हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

शीशे पर धूल न रहने दें-
हर घर में सजावट के लिए दर्पण होता है, लेकिन उड़ती धूल के कारण उस पर एक परत बन जाती है जो रोशनी में भी दिखाई नहीं देती है. सच तो यह है कि इस दर्पण पर धूल जमने का मतलब है कि आपकी समृद्धि पर धूल जम रही है. आपके घर में समृद्धि में कोई बाधा न आए इसके लिए दर्पण को प्रतिदिन साफ करना चाहिए.

दर्पण लगाने की ठीक दिशा-
घर की दक्षिणी दीवार पर दर्पण न लगाएं, वरना आर्थिक हानि होने की आसार रहती है. दर्पण को उत्तर और पूर्व के बीच यानी उत्तर-पूर्व कोने में लगाना चाहिए. घर में कटा हुआ और टूटा हुआ शीशा एकदम भी नहीं रखना चाहिए. टूटा हुआ दर्पण आर्थिक नुकसान का संकेत होता है इसलिए दर्पण को बहुत संभालकर रखना चाहिए.

मकड़ी के जाले वित्तीय तंगी का संकेत देते हैं-
इसके अलावा, जिन घरों में क्रॉस वेंटिलेशन के लिए खिड़कियां या रोशनदान हैं, उन्हें साफ करना बहुत जरूरी है. इन खिड़कियों पर धूल पड़ने से भी पैसा रुक जाता है. मकड़ी के जाले वाले घर में आर्थिक परेशानियां बनी रहती हैं.

रोज सुबह शंख बजाना-
घर के वास्तु का सीधा असर वहां रहने वाले लोगों पर पड़ता है. ऑफिस या बिजनेस के साथ-साथ घर पर भी असर पड़ता है इन जगहों के वातावरण को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण है कि वहां सकारात्मक ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में हो, इसके लिए आपको सुबह कुछ देर के लिए शंख बजाना चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी और सकारात्मक ऊर्जा आएगी.

सही ढंग से रखें गंगा जल-
अगर घर में गंगा जल है तो उसे घर के ईशान कोण या ईशान कोण में रखें. एक और बात का ध्यान रखें कि इसे कभी भी प्लास्टिक की बोतल में नहीं रखना चाहिए, इसके लिए कांच की बोतल का इस्तेमाल करें. पूजा करने के बाद घर की दहलीज से रसोई में गंगाजल की कुछ बूंदें छिड़कें. शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं.

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