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27 साल से फरार चल रहे 77 वर्षीय व्यक्ति को ऋषिकेश से किया गया गिरफ्तार

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नई दिल्ली . दिल्ली पुलिस ने हत्‍या के एक मुद्दे में 27 वर्ष से फरार चल रहे 77 वर्षीय आदमी को उत्तराखंड के ऋषिकेश से अरैस्ट किया है. पुलिस ने कहा कि वह अपनी पहचान छुपाने के लिए ‘संत’ के भेष में विभिन्न धार्मिक स्थानों पर शरण ले रहा था.

आरोपी की पहचान टिल्लू उर्फ रामदास के रूप में हुई है.

पुलिस के अनुसार, 4 फरवरी 1997 को तुगलकाबाद एक्सटेंशन में किशन लाल नाम के एक आदमी की उसके बहनोई टिल्लू और रामू नामक आदमी ने मर्डर कर दी थी. 5 मई 1997 को टिल्लू और रामू दोनों को क्रिमिनल घोषित कर दिया गया.

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) अमित गोयल ने बोला कि एक पुलिस टीम को विभिन्न जघन्य मामलों के वांछित/फरार आरोपियों और पैरोल जंपर्स का पता लगाने का काम सौंपा गया था, जब मर्डर के मुद्दे में वांछित टिल्लू की पहचान की गई.

डीसीपी ने कहा, ”पुलिस टीम ने जानकारी को आगे बढ़ाया और परिवार के सदस्यों और करीबी संबंधियों के मोबाइल नंबर जुटाए. गहन तकनीकी विश्लेषण के बाद एक मोबाइल नंबर पर खास ध्यान दिया गया, जो बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था और उसका कोई स्थायी जगह नहीं था. लोकेशन हिस्ट्री से यह पता चला कि मोबाइल नंबर के उपयोगकर्ता की लोकेशन ज्यादातर हरिद्वार और ऋषिकेश उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों के पास थी.

यह भी पता चला कि यह संदिग्ध आदमी एक संत बन गया था और देशभर में मंदिरों में जाता था और विभिन्न धर्मशालाओं में रहता था.

डीसीपी ने कहा, ”2023 में उसकी लोकेशन कन्याकुमारी थी, लेकिन वहां से कुछ हाथ नहीं लगा. वह ओडिशा के जगन्नाथ पुरी चला गया था. हालांकि, उसकी एक लोकेशन उत्तराखंड के ऋषिकेश में पाई गई.

पुलिस टीम ने उसकी लास्ट लोकेशन ऋषिकेश, उत्तराखंड में फील्ड रेकी की और पास के मंदिरों में ‘भंडारा’ वितरक के रूप में काम किया.

डीसीपी ने कहा, “तीन दिनों तक लगातार स्वयंसेवक के रूप में काम करने के बाद टीम ने टिल्लू की पहचान की और उसे पकड़ लिया.

पूछताछ में टिल्लू ने कहा कि पत्नी की मृत्यु के बाद वह अपनी बेटी के साथ अपनी बहन के घर दिल्ली चला गया था.

डीसीपी ने कहा, ”1997 में रामू ने वित्तीय टकराव पर चर्चा करने के लिए किशन लाल को अपने घर बुलाया था. वार्ता के दौरान मुद्दा इतना बढ़ गया कि किशन लाल ने उसे और रामू को रिज़ल्ट भुगतने की धमकी दी. इस पर वे उत्तेजित हो गए और आपस में झगड़ने लगे जिसमें किशन लाल की मर्डर कर दी गयी. इसके बाद वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ मौके से भाग गया.

 

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