Raipur में खिलौना आधारित शिक्षण प्रशिक्षण किया जाता है प्रदान
प्रशिक्षण प्रदाता में प्रमुख रूप से शाप्रावि लमती से कन्हैया साहू, शाप्राशा देवरी से अभिलाषा शर्मा एवं प्रभा मरावी, शाप्राशा निपनिया से मीना सोनी तथा लाल बहादुर शास्त्री शाप्राशा से प्रमोद वर्मा मौजूद थे. कार्यक्रम के मुख्य संयोजक विखं स्त्रोत समन्वयक लेखराम साहू थे जो पूरे प्रशिक्षण अवधि तक मौजूद रहे. विखं। शिक्षा अधिकारी रामपाल का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से नासिर सिद्धिकी ने भी प्रशिक्षणार्थियों से प्रशिक्षण के विषय पर जरूरी जानकारी साझा की. प्रशिक्षण में समूह कार्य के भीतर मौजूद सभी प्रतिभागियों से पाठ्यक्रम के मुताबिक जरूरी एवं उपयोगी खिलौना निर्माण कर प्रदर्शन करवाया गया. कहा गया कि राष्ट्रीय शिक्षानीति 2020 के मुताबिक खेल एवं खिलौनों से रोचक शिक्षा प्रदान करने की बात कही गई है.
बच्चों के सबसे रुचिकर वस्तु खिलौनों से खेल-खेल में नियमित उपस्थिति, सुन्दर वातावरण, नेतृत्व क्षमता, सहभागिता, सामुदायिकता, चुनौतियां, सूक्ष्म अवलोकन, वर्गीकरण, मिलान, पहचान, तार्किकता, जिज्ञासा, कल्पनाशीलता, जीवन कौशल आदि की पूर्ति सहजता से हो जाती है. स्वदेशी खिलौनों से शिक्षा, संस्कार तथा अपनी संस्कृति को संरक्षित करने के साथ-साथ समग्र विकास को भी इससे बल मिलता है. सभी शालाओं में जादुई पिटारा की उपलब्धि एवं उपयोगिता सुनिश्चित करने की राय दी गई. अंत में उपरोक्त सभी कारणों से इस प्रशिक्षण का आयोजन कर विद्यालय स्तर पर कार्य करने की बात कही गई.