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सरकारी खजाने में हो रही तेजी, 80 हजार करोड़ रुपये का हुआ मुनाफा

बिज़नस न्यूज़ डेस्क, वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अनंत स्वरूप ने बोला कि सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) का सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) चालू वित्त साल में 4 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है क्योंकि सरकारी विभाग एक्टिव रूप से पोर्टल के माध्यम से सामान और सेवाएं बेचते हैं. खरीद रहे हैंGMV पिछले वित्तीय साल से 2 ट्रिलियन रुपये अधिक है. राज्य द्वारा संचालित खरीद पोर्टल 1.5 लाख से अधिक सरकारी ग्राहकों को 12,070 उत्पादों और 320 से अधिक सेवाओं की एक श्रृंखला प्रदान करता है. GeM ने अप्रैल-दिसंबर के दौरान 4 मिलियन ऑर्डर के साथ ₹2.5 ट्रिलियन से अधिक के GMV को पार करते हुए खरीद में पर्याप्त वृद्धि देखी है.

80 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा
GeM पर सेवाओं की खरीद वित्त साल 2020-21 में ₹8,500 करोड़ से बढ़कर वित्त साल 2022-23 में ₹66,000 करोड़ हो गई. GeM के सीईओ पीके सिंह ने बोला कि चालू वित्त साल के अंतिम महीने में सेवाओं का GMV ₹2.05 ट्रिलियन को पार कर गया है. अपनी स्थापना के बाद से, GeM ने ₹7.9 ट्रिलियन से अधिक मूल्य के 2.1 करोड़ से अधिक ऑर्डर की सुविधा प्रदान की है, जिसके बारे में सिंह ने दावा किया कि इससे सरकारी खजाने को ₹80,000 करोड़ की बचत हुई है.

स्टार्टअप्स को लाभ हो रहा है
सरकार का औनलाइन खरीद मंच सिर्फ़ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सरकारी विभागों, सहकारी समितियों और नागरिक निकायों के लिए मौजूद है. इस मंच ने स्त्री उद्यमियों के नेतृत्व में 1,55,000 से अधिक एमएसई को नामांकित किया है. उन्होंने बोला कि मेक इन इण्डिया उत्पादों को बढ़ावा देने की अपनी पहल के तहत, इसने 22,290 से अधिक स्टार्टअप को भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति स्थापित करने में सहायता की है.

लोगों का विश्वास बढ़ रहा है
कोल इण्डिया लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसे प्रमुख केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने अपनी सेवा खरीद आवश्यकताओं के लिए एक्टिव रूप से GeM का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड और पंजाब सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सेवाओं की खरीद के लिए GeM को अपने पसंदीदा मंच के रूप में अपनाया है.

उदाहरण से समझें
GeM ने अद्वितीय सेवा आदेशों की सुविधा प्रदान की है, जिसमें चार्टर्ड विमान, तरराष्ट्रीय हवाई रसद सेवाएं, सेवा के रूप में ड्रोन, उच्च मूल्य वाले चिकित्सा उपकरणों को पट्टे पर देना, बाजार सर्वेक्षण, परीक्षा, साइबर सुरक्षा सेवाएं और AV/VR किराए पर लेना शामिल है. आइए हम आपको इसे एक उदाहरण से समझाते हैंरक्षा मंत्रालय ने लेह, श्रीनगर और अंडमान और निकोबार सहित विभिन्न मार्गों के लिए 830 चार्टर्ड विमान किराए पर लेने के लिए GeM का इस्तेमाल किया, जिसका ऑर्डर मूल्य लगभग ₹142 करोड़ था. सर्वे ऑफ इण्डिया और कोल इण्डिया ने सर्वेक्षण और हवाई मानचित्रण के लिए GeM के ड्रोन को एक सेवा (DaaS) के रूप में नियोजित किया.

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