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गाजियाबाद: 1 अप्रैल को गठबंधन की प्रत्याशी डोली शर्मा करेगी नामांकन

गाजियाबाद . लोकसभा चुनाव में दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रारम्भ हो चुके हैं और गाजियाबाद में गठबंधन की प्रत्याशी डॉली शर्मा एक अप्रैल को नामांकन करेंगी. गठबंधन के चलते डॉली शर्मा काफी उत्साहित हैं. उन्होंने जनता के बीच जाकर मूलभूत सुविधाओं के अभाव को मामला बनाया हैं. उन्होंने बीजेपी पर काम न करने के इल्जाम भी लगाए हैं.

डॉली शर्मा ने भाजपा उम्मीदवार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम अपने मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा के प्रत्याशी स्वास्थ्य मंत्री के रूप में फेल हो चुके हैं. उन्होंने बोला है कि गाजियाबाद में मूलभूत सुविधाओं का अभी भी अभाव है. खोड़ा जैसे इलाकों में लोग अभी भी पानी के लिए तरस रहे हैं. जिस ढंग की जनसंख्या गाजियाबाद की है, उस हिसाब से यहां पर न विद्यालय है और न डिग्री कॉलेज हैं.

उन्होंने बोला कि खोड़ा ही नहीं, बल्कि गाजियाबाद के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर पीने का स्वच्छ पानी आम जनता को नहीं मिल रहा है. इसके साथ-साथ सीवर प्रबंध भी पूरी ढंग से फेल हो चुकी है. लोनी जैसे इलाकों में आज भी पानी निकासी की कोई प्रबंध नहीं है और यही हाल गाजियाबाद के और इलाकों में भी है.

डॉली शर्मा ने यह भी इल्जाम लगाया है कि गाजियाबाद एक ऐसी स्मार्ट सिटी है, जहां पर आज भी न पानी है, न सड़के हैं और न ही हॉस्पिटल है. केवल एक एमएमजी हॉस्पिटल है, जिस पर पूरे गाजियाबाद का भार पड़ता है.

उन्होंने बोला कि लगातार लोगों का योगदान मिल रहा है. अन्य पार्टी के लोगों का भी टेलीफोन आ रहा है और समर्थन मिल रहा है. मैं पूरे ढंग से आश्वस्त हूं कि जीत इण्डिया गठबंधन और कांग्रेस पार्टी पार्टी की होगी.

डॉली शर्मा ने बोला कि यूपी स्त्रियों के साथ क्राइम में नंबर एक पर है. उन्होंने यूपी गवर्नमेंट पर इल्जाम लगाते हुए बोला कि किसानों के साथ अत्याचार हुआ है, युवा बेरोजगार भटक रहे हैं, पेपर लीक जैसे घोटाले हो रहे हैं.

गाजियाबाद में एक भी चेयरमैन बीजेपी का नहीं है. चाहे वह खोड़ा में हो, डासना में हो, मुरादनगर में हो या लोनी में हो. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग किस पार्टी के साथ जाना चाहते हैं. गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्र की जनता मौजूदा पार्टी के लोगों से त्रस्त है. यह जनप्रतिनिधि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों तक पहुंचते ही नहीं हैं.

डॉली शर्मा ने विश्वास जताया है कि गाजियाबाद में आधी जनसंख्या तकरीबन 14 लाख के आसपास है और माताओं और बहनों का विश्वास उनके साथ जरूर रहेगा.

गौरतलब है कि बीजेपी ने इस बार गाजियाबाद से मौजूदा सांसद वीके सिंह की स्थान अतुल गर्ग को अपना प्रत्याशी बनाया है. गाजियाबाद से विधायक अतुल कुमार गर्ग के सामने केवल एक चुनौती नहीं बल्कि चुनौतियों का पहाड़ है. उनके सामने जातीय समीकरण से लेकर पार्टी के नेताओं का विरोध और क्षेत्रीय लोगों की नाराजगी जैसी कई मुसीबतें हैं. हालांकि, गाजियाबाद सीट पर जीत हमेशा से भाजपा के लिए सरल रही है.

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